How to save tax on selling property in Indiaअपना पुराना घर बेच रहे हैं? आयकर नियमों को समझें, करकी बचत करें !
भारत में निवेश के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक घर का मालिक होना है. चाहे आप एक आरामदायक आशियाना की तलाश कर रहे हों या दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण में रुचि रखते हों, घर खरीदना एक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय होता है. हालांकि, जब समय आता है कि आपके पुराने घर को अलविदा कहा जाए, तो कर के निहितार्थों पर विचार करना महत्वपूर्ण हो जाता है. अपना पुराना घर बेचना जीवन में एक बड़ा कदम होता है, जिसमें कई तरह की तैयारियों की ज़रूरत होती है. इन तैयारियों में एक महत्वपूर्ण पहलू है आयकर नियमों को समझना. अगर आप इस प्रक्रिया के दौरान कर का बोझ कम करना चाहते हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण नियमों और छूटों के बारे में जानकारी होना ज़रूरी है.
यह लेख आपको पुराने घर को बेचते समय लागू होने वाले आयकर नियमों – How to save tax on selling property in India – को समझने में मदद करेगा, ताकि आप अपने लाभ को अधिकतम कर सकें और किसी अप्रिय कर आश्चर्य से बच सकें.
पूंजीगत लाभ क्या है?
अपनी पुरानी संपत्ति (इस मामले में घर) को बेचने पर होने वाले मुनाफे को पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – कहा जाता है. इस लाभ पर आपको आयकर देना होता है. हालांकि, सरकार ने कुछ नियम और छूटें बनाई हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप इस कर के बोझ को कम कर सकते हैं.
How to save tax on selling property in India – कॅपीटल गेन्स कर (Capital Gains Tax):
जब आप अपना घर बेचते हैं, तो आप लाभ कमा सकते हैं. इस लाभ पर आपको कॅपीटल गेन्स कर (Capital Gains Tax) देना होता है. कॅपीटल गेन्स की गणना इस प्रकार की जाती है:
बिक्री मूल्य – संपत्ति का अधिग्रहण मूल्य = कॅपीटल गेन्स
संपत्ति का अधिग्रहण मूल्य:यह वह राशि है जिस पर आपने घर खरीदा था. इसमें संपत्ति की मूल खरीद – How to save tax on selling property in India – मूल्य, साथ ही किसी भी सुधार या नवीनीकरण पर किए गए खर्च शामिल हो सकते हैं.
घर बेचने पर दो तरह के पूंजीगत लाभ:
दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG):अगर आपने अपना घर दो साल से अधिक समय तक रखा है और फिर बेचा है, तो आपको दीर्घकालिक पूंजीगत – How to save tax on selling property in India – लाभ मिलेगा. इस लाभ पर 20.8% की दर से कर लगता है, लेकिन सरकार ने इसमें भी इंडेक्सेशन का लाभ दिया है. इंडेक्सेशन की वजह से मुद्रास्फीति के प्रभाव को ध्यान में रखकर पूंजीगत लाभ की गणना की जाती है, जिससे कर का बोझ कम होता है.
अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (STCG):अगर आपने अपना घर दो साल से कम समय तक रखा है और फिर बेचा है, तो आपको अल्पकालिक पूंजीगत लाभ मिलेगा. इस लाभ पर आपकी आयकर स्लैब – How to save tax on selling property in India – के अनुसार कर लगता है.
How to save tax on selling property in India – कर बचत के लिए महत्वपूर्ण नियम और छूट:
धारा 54:धारा 54 के तहत आपको दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – पर पूरी तरह से छूट मिल सकती है, अगर आप इस लाभ का इस्तेमाल एक नया घर खरीदने या बनाने में करते हैं. हालांकि, इस छूट का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं. जैसे, नया घर आपको पुराने घर बेचने के एक साल पहले या दो साल बाद – How to save tax on selling property in India – तक खरीदना होगा, या फिर पुराने घर बेचने के तीन साल के अंदर बनाना होगा.
धारा 54F:अगर आप अपना पुराना घर बेचते हैं और किसी सीनियर सिटीजन आश्रम में निवेश करते हैं, तो आपको पूरे पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – पर छूट मिल सकती है. इसके लिए निवेश की गई राशि कम से कम 50 लाख रुपये होनी चाहिए.
एक बार में एक ही मकान पर छूट:धारा 54 और 54F का लाभ आप तभी उठा सकते हैं, जब आप किसी एक नए घर की खरीद या निर्माण पर पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – का इस्तेमाल करें. इसका मतलब है कि आप इस छूट का फायदा एक से अधिक घरों पर नहीं ले सकते.
नए घर को बेचने पर रोक:जिस नए घर पर आपने धारा 54 या 54F का लाभ उठाकर पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – का इस्तेमाल किया है, उसे कम से कम तीन साल तक बेचा नहीं जा सकता. अन्यथा आपको छूट वापस करनी पड़ सकती है.
1 करोड़ रुपये तक का छूट:यदि आप अपने घर को बेचते हैं और बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग एक नया आवासीय संपत्ति खरीदने या निर्माण करने के लिए करते हैं, तो आप 1 करोड़ रुपये तक के पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – पर कर छूट प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, कुछ शर्तें लागू होती हैं, जैसे कि नया घर एक वर्ष के भीतर खरीदा या तीन वर्षों के भीतर निर्माण किया जाना चाहिए.
मुद्रास्फीति अनुक्रमण:आपके द्वारा बेचे गए घर के अधिग्रहण मूल्य को मुद्रास्फीति के प्रभाव को समायोजित करने के लिए अनुक्रमित किया जाता है. इसका मतलब है कि आप मूल लागत में वृद्धि का दावा कर सकते हैं, जिससे आपके कर योग्य पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – को कम किया जा सकता है.
ब्याज कटौती:होम लोन पर चुकाए गए ब्याज का एक हिस्सा आयकर से कटौती के रूप में दावा किया जा सकता है. यह कटौती उस महीने के दौरान आपके द्वारा चुकाए गए ब्याज के 30% तक या आपके द्वारा चुकाए गए ऋण के मूल मूल्य के 5% तक, जो भी कम हो, तक सीमित है.
घर को लंबी अवधि तक रखें: 24 महीने से अधिक समय तक घर रखने से आपको दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – का लाभ मिलता है, जिस पर कर कम होता है.
इंडेक्सेशन का लाभ उठाएं:इंडेक्सेशन आपको लाभ – How to save tax on selling property in India – को कम करके कर दायरा कम करने में मदद करता है.
एक और घर खरीदें:अगर आप बिक्री से होने वाले लाभ को एक साल के भीतर एक नए घर की खरीद या निर्माण में लगाते हैं, तो आप 54(F) धारा के तहत पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – कर से छूट का दावा कर सकते हैं. कुछ शर्तें लागू होती हैं, इसलिए एक चार्टर्ड एकाउंटेंट या कर सलाहकार से सलाह लें.
हानियों को समायोजित करें:अगर आपने किसी अन्य संपत्ति की बिक्री पर नुकसान उठाया है, तो आप उस नुकसान को अपने घर की बिक्री से हुए लाभ से समायोजित कर सकते हैं.
यह ध्यान रखें कि यह जानकारी केवल सूचनात्मक है और किसी भी कर सलाह के लिए आपको एक चार्टर्ड एकाउंटेंट या कर सलाहकार से परामर्श करना चाहिए. आपके विशिष्ट मामले पर लागू होने वाले कर नियम अलग–अलग हो सकते हैं.
How to save tax on selling property in India – कर दायित्वों का अनुपालन:
पुराने घर को बेचने के बाद, आपको बिक्री और किसी भी लागू करों की रिपोर्ट करना होगा. आपको अपनी बिक्री आय को अपनी आयकर रिटर्न में Schedule D (Capital Gains) – How to save tax on selling property in India – के तहत घोषित करना होगा और किसी भी लागू करों का भुगतान करना होगा.
How to save tax on selling property in India – अन्य महत्वपूर्ण ध्यान देने योग्य बातें:
घर बेचने के खर्च (जैसे ब्रोकरेज फीस, स्टांप पेपर शुल्क) पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – की गणना में कटौती के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
अगर आपने घर में कोई सुधार या मरम्मत का काम करवाया है, तो उसका खर्च भी पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – की गणना में कटौती के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, बशर्ते आपके पास इसके सबूत मौजूद हों.
अगर आप संयुक्त रूप से किसी घर के मालिक हैं, तो पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – और छूट दोनों को उन सभी मालिकों के बीच उनके स्वामित्व के अनुपात में बांटा जाएगा.
सरकार समय–समय पर आयकर नियमों में बदलाव करती है, इसलिए नियमों के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त करना ज़रूरी है.
सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से रखें, क्योंकि आयकर विभाग पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – और छूटों के दावों का सत्यापन कर सकता है.
अगर आप घर बेचने की योजना बना रहे हैं, तो समय रहते कर बचत की रणनीति बनाएं और इस प्रक्रिया में किसी वित्तीय या कर सलाहकार की मदद लें.
एक्सपर्ट राय के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट से संपर्क करें
ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर – How to save tax on selling property in India – का इस्तेमाल करके अनुमानित कर देनदारी की गणना करें
निष्कर्ष:
अपना पुराना घर बेचना एक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय है और कर के नियमों को समझना इस प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है. दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – पर कर बचत के लिए धारा 54 और इंडेक्सेशन का लाभ उठाएं, और अगर संभव हो तो नए घर की खरीद या निर्माण में इस लाभ का इस्तेमाल करें. अल्पकालिक लाभ – How to save tax on selling property in India – पर बचत के लिए, खर्चों और सुधारों को कटौती के रूप में दिखाएं. हालांकि, ये नियम और छूटें जटिल हो सकती हैं, इसलिए किसी कर सलाहकार या वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा होगा. वे आपको आपके विशिष्ट परिस्थितियों के हिसाब से सबसे अच्छा रास्ता सुझा सकते हैं.
इसके अलावा, सरकार समय–समय पर आयकर नियमों में बदलाव करती रहती है. इसलिए, घर बेचने से पहले नवीनतम नियमों और छूटों के बारे में जानकारी रखना ज़रूरी है. विश्वसनीय सूत्रों से अपडेट रहें और किसी विशेषज्ञ की मदद लें, ताकि आप अपना पुराना घर बेचते समय कर का बोझ कम कर सकें और अधिक बचत कर सकें.
FAQ’s:
1. अगर मैंने अपना घर दो साल से कम समय में बेचा है, तो क्या मैं किसी तरह से कर बचत कर सकता हूं?
हां, आप घर बेचने के खर्चों और सुधारों के खर्च को पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – की गणना में कटौती के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
2. क्या मुझे किसी नए घर की खरीद के लिए धारा 54 का लाभ उठाने के लिए नकद में भुगतान करना होगा?
नहीं, आप होम लोन का इस्तेमाल करके भी नए घर के लिए भुगतान कर सकते हैं और धारा 54 का लाभ उठा सकते हैं.
3. अगर मैंने पुराने घर से मिले पूंजीगत लाभ का इस्तेमाल दो नए घरों की खरीद में किया है, तो क्या मैं धारा 54 का लाभ उठा सकता हूं?
नहीं, धारा 54 का लाभ केवल एक नए घर की खरीद या निर्माण पर ही उठाया जा सकता है.
4. क्या मुझे घर बेचने के बाद पूंजीगत लाभ का भुगतान तुरंत करना होगा?
नहीं, आप अगले वर्ष की आयकर वापसी दाखिल करते समय पूंजीगत लाभ पर कर का भुगतान कर सकते हैं. हालांकि, आपको पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – पर ब्याज देना पड़ सकता है.
5. क्या कोई ऐसी छूट है जिससे मैं पूरे पूंजीगत लाभ पर कर से बच सकता हूं?
हां, धारा 54EC के तहत अगर आप पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – को सरकार द्वारा अधिसूचित विशिष्ट बॉन्ड में निवेश करते हैं, तो आप पूरे पूंजीगत लाभ पर कर से बच सकते हैं. हालांकि, इन बॉन्डों में लॉक–इन अवधि होती है, जिसका मतलब है कि आप पांच साल तक पैसा नहीं निकाल सकते हैं.
6. क्या मैं अपने पुराने घर को तोड़कर उसी जगह पर नया घर बना सकता हूं और धारा 54 का लाभ उठा सकता हूं?
हां, अगर आप पुराने घर को तोड़कर उसी जगह पर नए घर का निर्माण करते हैं, तो आप धारा 54 का लाभ – How to save tax on selling property in India – उठा सकते हैं.
7. क्या संयुक्त परिवार का घर बेचने पर भी आयकर नियम लागू होते हैं?
हां, संयुक्त परिवार का घर बेचने पर भी आयकर नियम लागू होते हैं. पूंजीगत लाभ और छूट दोनों को सभी मालिकों के बीच उनके स्वामित्व के अनुपात में बांटा जाएगा.
8. अगर मुझे घर बेचने के बाद धारा 54 या 54F का लाभ उठाने के लिए नया घर खरीदने में देरी हो जाए तो क्या होगा?
अगर आप तय समय सीमा के अंदर नया घर नहीं खरीदते हैं, तो आपको छूट वापस करनी पड़ सकती है और पूंजीगत लाभ पर ब्याज देना पड़ सकता है.
9. अगर मैंने अपना घर विरासत में मिला है तो क्या मुझे टैक्स देना होगा?
जी हाँ, विरासत में मिले घर की बिक्री पर भी आपको राजधानी लाभ – How to save tax on selling property in India – कर देना होगा. हालांकि, अधिग्रहण मूल्य आपके पूर्ववर्ती के द्वारा भुगतान की गई राशि होगी.
10. मैं बिक्री से हुए लाभ को निवेश कहाँ कर सकता हूँ?
कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें इक्विटी म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट और बुनियादी ढांचा बॉन्ड शामिल हैं. आप अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर एक विकल्प चुन सकते हैं.
11. मैंने अपना घर एक साल पहले बेचा था. क्या अब भी मैं दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – पर छूट का लाभ उठा सकता हूं?
नहीं, धारा 54 का लाभ उठाने के लिए आपको पूंजीगत लाभ का इस्तेमाल एक साल के अंदर नए घर की खरीद या निर्माण में करना होता है.
12. अगर मैं अपना पुराना घर बेचकर नए घर का डाउन पेमेंट करता हूं, तो क्या मुझे धारा 54 का लाभ मिलेगा?नहीं, धारा 54 का लाभ तभी मिलेगा जब आप पूरे पूंजीगत लाभ – How to save tax on selling property in India – का इस्तेमाल नए घर की पूरी खरीद में करें. डाउन पेमेंट के लिए इस्तेमाल की गई राशि पर छूट नहीं मिलेगी.
13. क्या मैं एक नए घर और एक सीनियर सिटीजन आश्रम में निवेश के लिए पूंजीगत लाभ को विभाजित कर सकता हूं?
नहीं, आप या तो धारा 54 का लाभ उठा सकते हैं या फिर धारा 54F का. दोनों का लाभ एक साथ नहीं लिया जा सकता.
14. अगर मैं अपने पुराने घर को गिराकर उसी जमीन पर नया घर बनाऊं, तो क्या मुझे धारा 54 का लाभ मिलेगा?
हां, लेकिन नए घर के निर्माण पर होने वाले खर्च का कुल योग पुराने घर की बिक्री से मिले लाभ – How to save tax on selling property in India – से कम नहीं होना चाहिए.
15. मैंने 10 साल पहले अपनी पत्नी के साथ संयुक्त रूप से एक घर खरीदा था. अब हम तलाक ले रहे हैं और घर अलग–अलग बेचना चाहते हैं. क्या हम दोनों अलग–अलग धारा 54 का लाभ उठा सकते हैं?
हां, अगर घर बेचने से पहले आप दोनों मालिकों के बीच स्वामित्व का अनुपात तय कर लेते हैं, तो आप दोनों अलग–अलग अपने स्वामित्व के अनुपात में धारा 54 का लाभ उठा सकते हैं.
16. क्या घर बेचने पर किसी तरह की छूट मिलती है अगर मैं दिव्यांग हूं?
हां, दिव्यांग व्यक्तियों को सीनियर सिटीजन आश्रम में निवेश करने के लिए धारा 54F के तहत 40 लाख रुपये की निवेश सीमा का लाभ मिलता है.
17. मेरी दादी का पुराना घर मुझे विरासत में मिला है. अगर मैं उसे बेचूं तो पूंजीगत लाभ की गणना कैसे होगी?विरासत में मिले घर की कीमत उसकी खरीद मूल्य नहीं मानी जाती, बल्कि उस व्यक्ति की मृत्यु के समय बाजार मूल्य मानी जाती है. इसलिए, पूंजीगत लाभ की गणना मृत्यु के समय के बाजार मूल्य और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर के आधार पर की जाएगी.
18. अगर मैंने अपना घर बेचा है और नया घर नहीं खरीदा है, तो क्या मुझे कर देना होगा?
जी हां, अगर आपने अपना घर बेचा है और नया घर नहीं खरीदा है, तो आपको पूंजीगत लाभ पर कर देना होगा. पूंजीगत लाभ की गणना घर की बिक्री राशि से उसके मूल्य (इंडेक्सेशन समेत) में घटाकर की जाती है.
19. मैं किस आयकर स्लैब के तहत अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर कर चुकाऊंगा?
अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर आपको उसी आयकर स्लैब के तहत कर देना होगा, जिसके तहत आपकी कुल आय कर योग्य है.
20. क्या मैं घर बेचने के बाद अपने पुराने फर्नीचर पर मूल्यह्रास का दावा कर सकता हूं?
नहीं, घर बेचने के बाद फर्नीचर पर मूल्यह्रास का दावा नहीं किया जा सकता. हालांकि, अगर फर्नीचर घर के साथ एक स्थायी जुड़नार के रूप में शामिल है (जैसे कि दीवार में लगा हुआ बुककेस), तो इसकी लागत को घर के मूल्य में जोड़ा जा सकता है.
21. क्या मैं एक से अधिक घर बेचने पर पूंजीगत लाभ छूट का लाभ ले सकता हूं?
नहीं, धारा 54 और 54F का लाभ केवल एक ही घर पर पूंजीगत लाभ का उपयोग करने के लिए लिया जा सकता है.
22. अगर मैं अपने पुराने घर को बेचने से पहले ही नए घर का निर्माण शुरू कर दिया है, तो क्या मैं धारा 54 का लाभ उठा सकता हूं?
हां, अगर आपने नए घर का निर्माण पुराने घर बेचने से पहले शुरू कर दिया है और इसे पुराने घर बेचने के तीन साल के अंदर पूरा कर लेते हैं, तो आप धारा 54 का लाभ उठा सकते हैं.
23. अगर मैं किसी सीनियर सिटीजन आश्रम में निवेश किए बिना अपना पुराना घर बेच देता हूं, तो क्या मैं पूंजीगत लाभ पर कोई छूट प्राप्त कर सकता हूं?
नहीं, धारा 54F के तहत छूट का लाभ उठाने के लिए आपको सीनियर सिटीजन आश्रम में निवेश करना आवश्यक है.
24. क्या मैं पुराने घर को बेचने के लिए लिए गए लोन पर ब्याज को कर कटौती के रूप में दावा कर सकता हूं?
हां, अगर आपने घर बेचने के लिए लोन लिया है, तो आप उस लोन पर ब्याज को कर कटौती के रूप में दावा कर सकते हैं.
25. अगर मैं विदेश में रहता हूं और भारत में अपना पुराना घर बेचता हूं, तो क्या मुझे कर देना होगा?
हां, भारतीय नागरिक होने पर, भले ही आप विदेश में रहते हों, आपको भारत में अपनी संपत्ति बेचने से होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर देना होगा. हालांकि, आप धारा 54 और 54F जैसी छूटों का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते सभी शर्तें पूरी हों.
26. नए घर के लिए डाउन पेमेंट के रूप में पूंजीगत लाभ का इस्तेमाल करने से, क्या मैं धारा 54 का लाभ ले सकता हूं?
हां, अगर आप पुराने घर की बिक्री से मिले पूंजीगत लाभ का इस्तेमाल नए घर के डाउन पेमेंट के लिए करते हैं, तो आप धारा 54 का लाभ उठा सकते हैं. बशर्ते, नया घर खरीदने का समझौता पुराने घर बेचने के 1 साल के भीतर किया गया हो.
27. क्या मैं अपनी मां या पिताजी के साथ संयुक्त रूप से स्वामित्व वाले घर को बेचकर धारा 54 का लाभ उठा सकता हूं?
हां, संयुक्त स्वामित्व वाले घर की बिक्री पर आपको भी धारा 54 का लाभ मिल सकता है. हालांकि, लाभ आपके और आपके सह–मालिकों के बीच आपके स्वामित्व अनुपात के आधार पर विभाजित किया जाएगा.
28. अगर मैं अपना पुराना घर किसी रिश्तेदार को बेचता हूं, तो क्या मुझे पूंजीगत लाभ पर कर देना होगा?
हां, किसी रिश्तेदार को घर बेचने पर भी आपको पूंजीगत लाभ पर कर देना होगा. रिश्तेदारों के लिए कोई विशेष छूट नहीं है.
29. मैं घर बेचने के लिए ब्रोकरेज फीस और स्टांप पेपर चार्ज का भुगतान कैसे करूं?
आपको ब्रोकरेज फीस और स्टांप पेपर चार्ज सीधे संबंधित पार्टियों को भुगतान करना होगा. हालांकि, इन खर्चों को आप पूंजीगत लाभ की गणना में कटौती के रूप में दावा कर सकते हैं.
30. अगर मैं बिक्री से पहले घर का कोई नवीनीकरण करता हूं, तो क्या मैं उसके खर्च का कटौती के रूप में दावा कर सकता हूं?
हां, पुराने घर के नवीनीकरण पर किए गए खर्चों को आप कटौती के रूप में दावा कर सकते हैं, बशर्ते आपके पास उचित रसीदें या बिल मौजूद हों और नवीनीकरण घर के स्थायी मूल्य में बढ़ोतरी करता हो.
31. अगर मैं कुछ समय के लिए अपना पुराना घर किराए पर देने के बाद बेचता हूं, तो क्या किराए की आय कर योग्य है?
हां, अगर आप अपना पुराना घर किराए पर देते हैं, तो आपके लिए किराए की आय कर योग्य है. हालांकि, आप घर के रखरखाव और मरम्मत के खर्चों को किराए की आय से घटाकर कर योग्य आय की गणना कर सकते हैं.
32. मैं आयकर नियमों या घर बेचने की प्रक्रिया के बारे में किससे संपर्क कर सकता हूं?
आयकर नियमों के बारे में जानकारी के लिए आप सीधे आयकर विभाग की वेबसाइट देख सकते हैं या किसी कर सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं. घर बेचने की प्रक्रिया के लिए आप रियल एस्टेट ब्रोकर या कानूनी सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं.