100% टिकाऊ रिटर्न के लिए 1 विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो(Portfolio Diversification) कैसे बनाएं?

Portfolio Diversification – निवेश का जादू: मजबूत और टिकाऊ पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?

Asset allocation, Investment Asset allocation dividing an investment portfolio among different asset categories. Portfolio Diversification stock illustrations

Portfolio Diversification: हम सभी चाहते हैं कि हमारा पैसा सुरक्षित रहे और बढ़ता रहे। लेकिन अगर हम सिर्फ एक ही प्याली में सारा दूध डाल दें, तो क्या होगा? एक छोटी सी गलती से पूरा दूध गिर सकता है। यही बात निवेश पर भी लागू होती है। इसलिए Portfolio Diversification-पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन यानी विविधता लाना बेहद जरूरी है।

ज़रूरी नहीं कि ज़िंदगी में हर चीज़ बड़ीबड़ी हो। कभीकभी, छोटे कदमों का लगातार सिलसिला, बड़ी सफलता की ओर ले जाता है। यही बात आपके निवेश पर भी लागू होती है। बेशक, आप एक कंपनी में मोटा पैसा लगाकर, रातोंरात करोड़पति बनने का सपना देख सकते हैं। लेकिन, क्या ये सपना सच हो पाएगा? ज़्यादातर मामलों में, इसका जवाब नहींही होता है। यही वजह है कि निवेश की दुनिया में विविधीकरण (Portfolio Diversification) का इतना महत्व है।

निवेश की दुनिया में, “सभी अंडे एक ही टोकरी में न डालेंका सिद्धांत सर्वोच्च है. लेकिन एक मजबूत और टिकाऊ पोर्टफोलियो बनाना अंडों को अलगअलग टोकरियों में रखने से कहीं ज्यादा जटिल है. यहाँ आता है विविधता का खेल!

Portfolio Diversification-विविधता आपके निवेश को विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों और क्षेत्रों में फैलाने का कार्य है. यह आपके जोखिम को कम करता है और दीर्घकालिक टिकाऊ रिटर्न की संभावना बढ़ाता है. आइए देखें कैसे आप एक ऐसा पोर्टफोलियो बना सकते हैं जो आपको आने वाले वर्षों में आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस कराए:

यह लेख आपको एक टिकाऊ और संतुलित पोर्टफोलियो बनाने के तरीके बताएगा, जो आपको आने वाले सालों में मुस्कुराएगा।

पहला कदम: लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता को समझें

Portfolio Diversification-पोर्टफोलियो बनाने से पहले, अपने आप से सवाल पूछें:

  1. मेरे निवेश के लक्ष्य क्या हैं? रिटायरमेंट के लिए बचत या शॉर्टटर्म बढ़ोतरी, लक्ष्य तय करें। बच्चों की पढ़ाई के लिए? घर खरीदने के लिए? हर लक्ष्य के लिए अलग रणनीति चाहिए। आपका समय सीमा भी महत्वपूर्ण है. युवा निवेशक अधिक जोखिम उठा सकते हैं, जबकि सेवानिवृत्त लोगों को आम तौर पर अधिक स्थिर निवेश की आवश्यकता होती है.

  2. मैं कितना जोखिम उठा सकता हूं? अपनी उम्र, आय और निवेश अनुभव के अनुसार जोखिम उठाने की क्षमता तय करें।

  3. निवेश पर कितना समय लगा सकता हूं? लंबी अवधि का निवेश जोखिम कम करता है, लेकिन शॉर्टटर्म में लचीलापन देता है।

  4. आप कितना जोखिम उठा सकते हैं? क्या आप बाजार के उतारचढ़ाव को सहन कर सकते हैं, या घबराकर गलत निर्णय लेने लगेंगे? ये सवालों के जवाब मिलने पर ही आप सही विविधीकरण कर सकते हैं।

दूसरा कदम: परिसंपत्ति(Assets) वर्गों में विभाजन करें

अपने लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर, अलगअलग परिसंपत्ति(Assets) वर्गों में निवेश करें। कुछ मुख्य वर्ग हैं:

  • इक्विटी (स्टॉक्स): कंपनियों का सीधा स्वामित्व, लेकिन बाजार उतारचढ़ाव अधिक।

  • डेट (बॉन्ड): सरकार या निगमों द्वारा जारी ऋण हैं और आम तौर पर स्टॉक से कम जोखिम वाले होते हैं, कम जोखिम लेकिन रिटर्न भी कम।

  • रियल एस्टेट: संपत्ति में निवेश, स्थिर आय लेकिन लिक्विडिटी कम।

  • स्टॉक्स: कंपनियों में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और दीर्घकालिक में उच्च रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन अल्पावधि में उतारचढ़ाव भी हो सकते हैं.

  • कमोडिटीज: जैसे सोना, तेल और कृषि उत्पाद, मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव का काम कर सकते हैं, लेकिन अत्यधिक अस्थिर भी हो सकते हैं.

आप इन परिसंपत्ति वर्गों को अपने जोखिम सहिष्णुता और समय सीमा के आधार पर आवंटित कर सकते हैं. एक सामान्य नियम के रूप में, युवा निवेशक 60% से 80% स्टॉक और 40% से 20% बॉन्ड रख सकते हैं, जबकि सेवानिवृत्त लोग अधिक बॉन्ड और कम स्टॉक रख सकते हैं.

तीसरा कदम: प्रत्येक वर्ग में विविधता लाएं

हर परिसंपत्ति वर्ग के भीतर भी विविधता जरूरी है। उदाहरण के लिए, इक्विटी में अलगअलग क्षेत्रों (आईटी, बैंकिंग, फार्मा) की कंपनियां शामिल करें। इससे कुल जोखिम कम होता है और बाजार की किसी गिरावट का असर सीमित रहता है। इक्विटी में विविधता लाने के लिए अलगअलग उद्योगों, कंपनियों और मार्केट कैपिटलाइज़ेशन (Market Capitalization) वाली कंपनियों में निवेश करें। इससे बाजार के किसी एक हिस्से में गिरावट का असर आपके पूरे पोर्टफोलियो पर कम पड़ेगा। विभिन्न क्षेत्रों में कंपनियों में निवेश करने से भी जोखिम कम होता है. उदाहरण के लिए, यदि तकनीकी क्षेत्र में गिरावट आती है, तो अन्य क्षेत्र जैसे हेल्थकेयर या उपभोक्ता स्टेपल अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.

चौथा कदम: निवेश के साधनों का चयन करें

सीधे शेयरों में निवेश करने के अलावा, आप म्यूचुअल फंड्स, ईटीएफ (Exchange Traded Funds) या इंडेक्स फंड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं ये कई कंपनियों या परिसंपत्तियों में कम लागत में निवेश की सुविधा देते हैं। । ये तरीके आपको कम जोखिम और आसान प्रबंधन के साथ विविधीकरण का लाभ देते हैं।

 

पांचवा कदम: ईएसजी कारकों पर विचार करें

ईएसजी-ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) कारक कंपनियों के पर्यावरणीय प्रभाव, सामाजिक जिम्मेदारी और कॉर्पोरेट गवर्नेंस का आकलन करते हैं. ईएसजीकेंद्रित निवेश न केवल आपके Portfolio Diversification-पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, बल्कि एक सकारात्मक सामाजिक प्रभाव भी डाल सकते हैं.

 

छठा कदम: समयसमय पर समीक्षा करें

बाजार और अपनी परिस्थितियों के अनुसार, Portfolio Diversification-पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें। रिबैलेंसिंग यानी परिसंपत्ति वर्गों का अनुपात बनाए रखना भी जरूरी है।

 

सातवा कदम: कम लागत वाले फंडों का उपयोग करें:

आप कम लागत वाले इंडेक्स फंड और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) का उपयोग करके विविधता प्राप्त कर सकते हैं. ये फंड एक बाजार इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, जो आपके खुद के स्टॉक चुनने के प्रयास और लागत को कम करता है.

टिकाऊ रिटर्न के लिए कुछ अतिरिक्त टिप्स:

  • ESG फैक्टर्स: पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) पर ध्यान दें। ऐसे कंपनियों में निवेश करें जो टिकाऊ और नैतिक कारोबार करते हैं। आजकल, टिकाऊ रिटर्न के लिए एसजी (ESG) कारकों को भी ध्यान में रखना ज़रूरी है। पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट गवर्नेंस को ध्यान में रखकर निवेश करने से आप न सिर्फ़ अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं, बल्कि एक बेहतर दुनिया बनाने में भी योगदान दे सकते हैं।

  • नवीन क्षेत्रों पर नजर रखें: भविष्य के विकास के लिए आशाजनक क्षेत्रों में निवेश पर विचार करें, जैसे कि (Renewable Energy)नवीकरणीय ऊर्जा, (Electric Vehicles)इलेक्ट्रिक वाहन और (Healthcare Technology)हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी।

  • लंबी अवधि का नजरिया रखें: बाजार में उतारचढ़ाव होते रहते हैं, घबराकर निवेश न बदलें। लंबी अवधि में Portfolio Diversification-विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो फायदेमंद साबित होता है।

नवीनतम समाचार और संदर्भ:

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 मई 2023 को रिटेल मुद्रास्फीति दर को 7.0% से 6.7% पर घटा दिया। यह रिजर्व बैंक की मई 2023 की मौद्रिक नीति समीक्षा का एक हिस्सा था। रिजर्व बैंक ने कॉर्पोरेट कर्ज के लिए रिवर्स रेपो दर को 3.35% से 3.75% तक बढ़ा दिया।

विश्व बैंक ने अपनी 2023 की वैश्विक आर्थिक वृद्धि मान्यता को 2.9% से घटाकर 2.5% कर दिया। यह रूसयूक्रेन युद्ध और चीन में मंदी के कारण है।

शेयर बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर से ऊपर टिके हुए हैं।

नए निवेशकों के लिए सुझाव:

अपने लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता को समझें।
एक Portfolio Diversification-विविध पोर्टफोलियो बनाएं।
लंबी अवधि का नजरिया रखें।
नियमित रूप से अपने Portfolio Diversification-पोर्टफोलियो की समीक्षा करें।

 

FAQ’s:

1. Portfolio Diversification-विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो क्या है?

A- Portfolio Diversification-विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो एक ऐसा पोर्टफोलियो है जिसमें अलगअलग परिसंपत्ति वर्गों और क्षेत्रों में निवेश होता है। इससे कुल जोखिम कम होता है और बाजार की किसी गिरावट का असर सीमित रहता है।

2. Portfolio Diversification-विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?

A- Portfolio Diversification-विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो बनाने के लिए, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना चाहिए:
1. अपने लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता को समझें।
2. परिसंपत्ति वर्गों में विभाजन करें।
3. प्रत्येक वर्ग में विविधता लाएं।
4. निवेश के साधनों का चयन करें।
5. समयसमय पर समीक्षा करें।

3. टिकाऊ रिटर्न के लिए विविधता क्यों जरूरी है?

A- विविधता कुल जोखिम को कम करने में मदद करती है। जब आप अलगअलग परिसंपत्ति वर्गों और क्षेत्रों में निवेश करते हैं, तो आप किसी एक परिसंपत्ति वर्ग या क्षेत्र की गिरावट के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इससे आपके Portfolio Diversification-पोर्टफोलियो को अधिक स्थिरता मिलती है और आप लंबी अवधि में अधिक टिकाऊ रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

4. नवीन क्षेत्रों में निवेश क्यों फायदेमंद है?

A- भविष्य के विकास के लिए आशाजनक क्षेत्रों में निवेश करने से आपको अधिक रिटर्न प्राप्त करने का मौका मिल सकता है। उदाहरण के लिए, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश करने से आप लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

5. लंबी अवधि का नजरिया क्यों रखना चाहिए?

A- बाजार में उतारचढ़ाव होते रहते हैं। इसलिए, लंबी अवधि का नजरिया रखने से आप बाजार की उतारचढ़ाव से अप्रभावित रह सकते हैं। लंबी अवधि में, विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो आमतौर पर अधिक रिटर्न प्रदान करता है।

6. Portfolio Diversification-विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो के लिए कौन से परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करना चाहिए?

A- Portfolio Diversification-विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो के लिए निम्नलिखित परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करना चाहिए:

  • इक्विटी (स्टॉक्स): कंपनियों का सीधा स्वामित्व, लेकिन बाजार उतारचढ़ाव अधिक।

  • डेट (बॉन्ड): सरकार या कंपनियों को उधार देना, कम जोखिम लेकिन रिटर्न भी कम।

  • रियल एस्टेट: संपत्ति में निवेश, स्थिर आय लेकिन लिक्विडिटी कम।

  • कमोडिटीज: कच्चे माल (सोना, तेल) में निवेश, मुद्रास्फीति का बचाव लेकिन बाजार उतारचढ़ाव ज्यादा।

Read More Articles At

Read More Articles At

× Suggest a Topic
Exit mobile version