सेबी का ‘1 क्लिक’ समाधान: निवेशक की मृत्यु पर नॉमिनी को राहत

सेबी ने निवेशक की मृत्यु पर, नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को राहत देने के लिए ‘केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून’ बनाया है:

Introduction:

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशक की मृत्यु पर, शेयर ट्रांसमिशन को आसान बनाने के लिए एक नया नियम बनाया है। इस नियम के तहत, निवेशक की मृत्यु के बाद, उसके नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने के लिए, केवल एक बार ही KYC (Know Your Customer) की आवश्यकता होगी। इससे नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने में होने वाली परेशानी और समय की बचत होगी।

सेबीः
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सेबी के नए नियम के बारे में महत्वपूर्ण बातें:

  • यह नियम 1 जनवरी, 2024 से लागू होगा।

  • इस नियम के तहत, निवेशक की मृत्यु के बाद, उसके नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने के लिए, निम्नलिखित दस्तावेजों को प्रस्तुत करना होगा:

  • इस नियम के तहत, निवेशक की मृत्यु के बाद, उसके नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को केवल एक बार ही KYC की आवश्यकता होगी।

सेबी के नए नियम के लाभ:

  • इस नियम से नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने में होने वाली परेशानी और समय की बचत होगी।

  • यह नियम निवेशकों के अधिकारों को मजबूत करेगा।

निष्कर्ष:

सेबी का नया नियम निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने में होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करेगा। इससे निवेशकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शेयर उनके नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को आसानी से ट्रांसफर हो जाएं।

वर्तमान में, निवेशक की मृत्यु के बाद, उसके नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को प्रत्येक स्टॉकब्रोकर के पास अलग से KYC प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इससे नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को बहुत परेशानी और समय लगता है।

सेबी के नए नियम के तहत, निवेशक की मृत्यु के बाद, उसके नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को केवल एक बार ही KYC प्रक्रिया से गुजरना होगा। यह प्रक्रिया सेबी के केंद्रीय KYC रिकॉर्ड से की जाएगी। इससे नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने में आसानी होगी।

सेबी का यह नियम निवेशकों के अधिकारों को भी मजबूत करेगा। इससे निवेशकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शेयर उनके नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को आसानी से ट्रांसफर हो जाएं।

SEBI

यहाँ सेबी के नए नियम के कुछ लाभ दिए गए हैं:

  • यह नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने में होने वाली परेशानी और समय को कम करेगा।

  • यह निवेशकों के अधिकारों को मजबूत करेगा।

  • यह शेयर बाजार में निवेश करने के लिए अधिक आकर्षक बना देगा।

सेबी का यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा।

FAQ’s:

  1. सेबी का केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून क्या है?

सेबी का केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून एक नया नियम है जो निवेशक की मृत्यु पर, शेयर ट्रांसमिशन को आसान बनाता है। इस नियम के तहत, निवेशक की मृत्यु के बाद, उसके नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने के लिए, केवल एक बार ही KYC की आवश्यकता होगी।

  1. सेबी के केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून के तहत, निवेशक की मृत्यु के बाद, नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को क्या दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे?

सेबी के केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून के तहत, निवेशक की मृत्यु के बाद, नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र

  • नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर का KYC प्रमाणपत्र

  1. सेबी के केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून कब लागू होगा?

सेबी का केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून 1 जनवरी, 2024 से लागू होगा।

  1. सेबी के केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून के क्या लाभ हैं?

सेबी के केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून के निम्नलिखित लाभ हैं:

  • इससे नॉमिनी या ज्वाइंट होल्डर को शेयर ट्रांसफर करने में होने वाली परेशानी और समय की बचत होगी।

  • यह नियम निवेशकों के अधिकारों को मजबूत करेगा।

  1. सेबी के केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून के लिए KYC प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें?

KYC प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. किसी भी KYC पंजीकरण एजेंसी (KRA) से संपर्क करें।

  2. आवश्यक दस्तावेज जमा करें।

  3. KYC प्रक्रिया पूरी करें।

KYC प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद, आप इसे सेबी के केंद्रीकृत रिकॉर्ड कानून के तहत शेयर ट्रांसफर करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

 

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