विदेशी मुद्रा भंडार – भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती का पैमाना(Foreign Exchange Reserves -The Gauge of India’s Economic Strength)
भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इस वृद्धि को बनाए रखने के लिए, देश को कई कारकों पर ध्यान देना होता है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण कारक है विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy)।
आपने शायद सुना होगा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार असल में होते क्या हैं और ये किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में क्या भूमिका निभाते हैं? आइए, हम इस विषय को गहराई से समझते हैं। और समझते कि यह शेयर बाजार सूचकांक (Share Market Indices), जीडीपी (GDP) और समग्र अर्थव्यवस्था से कैसे जुड़ा हुआ है।
विदेशी मुद्रा भंडार क्या होते हैं? (What are Foreign Exchange Reserves?)
किसी देश का विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy), विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का एक संग्रह होता है, जिसमें मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर, यूरो, येन, विशेष आहरण अधिकार (SDRs) आदि प्रमुख मुद्राएं शामिल होती हैं। ये परिसंपत्तियां सरकारी बॉन्ड, ट्रेजरी बिल और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ जमा राशि जैसी चीजों का रूप ले सकती हैं।
सरल शब्दों में कहें तो, यह विदेशी मुद्रा(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) का भंडार है जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) विदेशी व्यापार, अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन और पूंजी प्रवाह को सुगम बनाने के लिए रखता है।
विदेशी मुद्रा भंडार की भूमिका (The Role of Foreign Exchange Reserves):
विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए कई तरह से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख भूमिकाएँ निम्नलिखित हैं:
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विदेशी व्यापार का समर्थन (Supporting Foreign Trade): भारत जैसा देश जो आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है, उसे विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है। विदेशी मुद्रा भंडार यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पास आवश्यक विदेशी मुद्रा(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) का भंडार हो, ताकि हम जरूरी चीजों का आयात कर सकें।
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मुद्रा विनिमय दरों में स्थिरता बनाए रखना (Maintaining Stability in Exchange Rates): विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग मुद्रा विनिमय दरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि डॉलर की मांग अचानक बढ़ जाती है, तो केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) से डॉलर बेचकर रुपये के मूल्य को गिरने से रोक सकता है।
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विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ाना (Boosting Confidence of Foreign Investors): मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी निवेशकों को यह विश्वास दिलाते हैं कि देश किसी भी वित्तीय संकट का सामना करने के लिए सक्षम है। इससे विदेशी निवेश बढ़ता है, जो आर्थिक विकास को गति प्रदान करता है।
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अल्पकालिक ऋणों का भुगतान (Payment of Short-Term Debts): किसी देश को कभी-कभी विदेशों से अल्पकालिक ऋण लेना पड़ सकता है। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) यह सुनिश्चित करते हैं कि देश के पास इन ऋणों को चुकाने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा है।
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विदेशी निवेश आकर्षित करना (Attracting Foreign Investment): मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) निवेशकों को यह विश्वास दिलाता है कि भारत अपनी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सक्षम है। इससे विदेशी निवेश आकर्षित होता है, जो आर्थिक विकास को गति प्रदान करता है।
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आर्थिक संकटों से निपटना (Dealing with Economic Crises): वैश्विक आर्थिक मंदी या किसी अन्य अप्रत्याशित घटना के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) देश को आवश्यक वस्तुओं का आयात जारी रखने और अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में मदद करता है।
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विदेशी व्यापार का सुचारू संचालन (Smooth Functioning of Foreign Trade): भारत जैसा आयात-निर्भर देश विदेशों से कच्चा माल, मशीनरी और अन्य आवश्यक वस्तुओं का आयात करता है। विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) यह सुनिश्चित करता है कि इन आयातों के लिए भुगतान करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध हो।
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विदेशी ऋणों का भुगतान (Payment of Foreign Debts): विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग विदेशी मुद्रा में लिए गए ऋणों के ब्याज और मूलधन के भुगतान के लिए भी किया जाता है।
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आर्थिक मंदी से बचाव (Protection from Economic Downturn): वैश्विक आर्थिक मंदी की स्थिति में, विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) देश को आवश्यक आयात जारी रखने और आर्थिक अस्थिरता को कम करने में मदद करता है।
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स्थिर रुपया (Stable Rupee):विदेशी मुद्रा भंडार रुपये के मूल्य को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। इससे चीजों के दाम (price) अचानक से कम या ज्यादा नहीं होते हैं, जिससे हमारा बजट बिगड़ने का खतरा कम हो जाता है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडारों का महत्व (Significance of India’s Foreign Exchange Reserves):
हाल ही में, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। 5 अप्रिल 2024 तक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) लगभग $645.83 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार भारत को निम्नलिखित लाभ प्रदान करते हैं:
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आयात को सुगम बनाना (Facilitating Imports):
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) भारत को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के आयात को सुगम बनाते हैं। यह विशेष रूप से कच्चे तेल जैसे आयातों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनकी भारत की अर्थव्यवस्था के सुचारू रूप से चलने के लिए आवश्यकता होती है।
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मुद्रा विनिमय दरों में स्थिरता (Stability in Exchange Rates):
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) मुद्रा विनिमय दरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद करते हैं। यह भारतीय निर्यातकों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि स्थिर मुद्रा विनिमय दरें उन्हें विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में मदद करती हैं। इसके अलावा, यह आयातकों को भी लाभान्वित करता है, क्योंकि उन्हें विदेशी मुद्रा के लिए अधिक भुगतान नहीं करना पड़ता है।
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अर्थव्यवस्था में विश्वास (Confidence in the Economy):
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) अर्थव्यवस्था में विश्वास को बढ़ावा देते हैं। यह विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करता है, जो बदले में आर्थिक विकास को गति प्रदान करता है।
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आर्थिक संकटों से बचाव (Protection against Economic Crises):
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) किसी देश को आर्थिक संकटों से बचाने में मदद करते हैं। यदि देश के सामने वित्तीय संकट आता है, तो विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग आयात को वित्तपोषित करने और मुद्रा विनिमय दरों को स्थिर रखने के लिए किया जा सकता है।
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आर्थिक विकास को गति प्रदान करना (Boosting Economic Growth): मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ाते हैं, जिससे विदेशी निवेश में वृद्धि होती है। यह पूंजी निर्माण और आर्थिक विकास को गति प्रदान करता है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और शेयर बाजार (India’s Foreign Exchange Reserves and Stock Market):
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) और शेयर बाजार के बीच एक मजबूत संबंध है। जब विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ते हैं, तो शेयर बाजार भी आमतौर पर बढ़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार अर्थव्यवस्था में विश्वास को बढ़ावा देते हैं, जो विदेशी निवेशकों को आकर्षित करता है। विदेशी निवेशक अक्सर शेयर बाजार में निवेश करते हैं, जिससे शेयर बाजार में तेजी आती है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और जीडीपी (India’s Foreign Exchange Reserves and GDP):
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) और जीडीपी के बीच भी एक मजबूत संबंध है। जब विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ते हैं, तो जीडीपी भी आमतौर पर बढ़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार अर्थव्यवस्था में विश्वास को बढ़ावा देते हैं, जिससे निवेश और खर्च बढ़ता है। निवेश और खर्च में वृद्धि से जीडीपी में वृद्धि होती है।
निष्कर्ष:
आसान शब्दों में कहें तो, विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) किसी देश की तिजोरी की तरह होता है, जिसमें वो विदेशी मुद्रा (अमेरिकी डॉलर, यूरो आदि) और सोना इत्यादि जमा करके रखता है। यह जितना ज्यादा भरा होता है, उतना ही देश मजबूत आर्थिक स्थिति में माना जाता है।
भारत के लिए विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) इसलिए जरूरी हैं क्योंकि हमें कई चीजें विदेशों से आयात करनी पड़ती हैं, जैसे कच्चा तेल। मजबूत भंडार होने का मतलब है कि इन जरूरी चीजों को खरीदने के लिए हमारे पास पर्याप्त पैसा है। साथ ही, यह हमारे रुपये के मूल्य को स्थिर रखने में भी मदद करता है, जिससे चीजों की कीमतें अचानक से नहीं बढ़तीं।
हाल ही में, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। यह इस बात का संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और आगे भी तरक्की करेगी। इससे विदेशी कंपनियां भारत में ज्यादा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और देश का विकास होगा।
कुल मिलाकर, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) भारत के भविष्य के लिए अच्छी खबर है। यह आर्थिक रूप से हमें अधिक सुरक्षित बनाता है और देश को तेजी से आगे बढ़ने में मदद करता है।
FAQ’s:
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विदेशी मुद्रा भंडार में क्या शामिल होता है?
विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) में मुख्य रूप से विदेशी मुद्राएं (डॉलर, यूरो आदि) और सोना जैसी (valuable items) शामिल होती हैं।
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विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग कैसे किया जाता है?
विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग कई तरह से किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
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विदेशी व्यापार का वित्तपोषण (Financing Foreign Trade)
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मुद्रा विनिमय दरों को स्थिर रखना (Maintaining Stable Exchange Rates)
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विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ाना (Boosting Confidence of Foreign Investors)
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अल्पकालिक ऋणों का भुगतान (Payment of Short-Term Debts)
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मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार भारत के शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करते हैं?
जब विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) मजबूत होते हैं, तो शेयर बाजार भी आमतौर पर अच्छा प्रदर्शन करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मजबूत भंडार अर्थव्यवस्था में विश्वास को बढ़ाते हैं, जिससे विदेशी निवेशक आकर्षित होते हैं। ये विदेशी निवेशक शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं, जिससे शेयर बाजार में तेजी आती है।
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मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार भारत के जीडीपी को कैसे प्रभावित करते हैं?
जब विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) मजबूत होते हैं, तो जीडीपी भी आमतौर पर बढ़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मजबूत भंडार अर्थव्यवस्था में विश्वास को बढ़ाते हैं, जिससे निवेश और खर्च बढ़ता है। निवेश और खर्च में वृद्धि से जीडीपी में वृद्धि होती है।
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क्या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार हमेशा बढ़ते रहेंगे?
नहीं, विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) हमेशा बढ़ते नहीं रहते हैं। कई कारकों के कारण भंडार में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जैसे कि:
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विदेशी व्यापार (Foreign Trade):यदि भारत का आयात निर्यात से अधिक होता है, तो विदेशी मुद्रा भंडार घट जाएगा।
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विदेशी निवेश (Foreign Investment):यदि विदेशी निवेशक भारत में कम पैसा लगाते हैं, तो विदेशी मुद्रा भंडार घट जाएगा।
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वैश्विक आर्थिक स्थिति (Global Economic Conditions):यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट आती है, तो विदेशी मुद्रा भंडार घट जाएगा।
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क्या भारत सरकार विदेशी मुद्रा भंडार को नियंत्रित करती है?
हां, भारत सरकार विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) को नियंत्रित करती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करता है और यह सुनिश्चित करता है कि भंडार देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो।
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क्या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग आम लोग कर सकते हैं?
नहीं, आम लोग सीधे तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) का उपयोग नहीं कर सकते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग केवल सरकार और RBI द्वारा किया जाता है।
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क्या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करके सरकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर सकती है?
हां, सरकार विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) का उपयोग करके मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर सकती है। यदि मुद्रास्फीति बढ़ रही है, तो RBI विदेशी मुद्रा बेचकर रुपये की आपूर्ति को कम कर सकता है। इससे मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।
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क्या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करके सरकार बेरोजगारी को कम कर सकती है?
हां, सरकार विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) का उपयोग करके बेरोजगारी को कम कर सकती है। सरकार विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करके बुनियादी ढांचे और अन्य विकास परियोजनाओं में निवेश कर सकती है। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और बेरोजगारी कम होगी।
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क्या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करके सरकार गरीबी को कम कर सकती है?
हां, सरकार विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) का उपयोग करके गरीबी को कम कर सकती है। सरकार विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करके गरीबों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं में निवेश कर सकती है। इससे गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी।
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क्या विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना हमेशा अच्छा होता है?
विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) का बढ़ना आमतौर पर अच्छा होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह नकारात्मक भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना आयात में वृद्धि के कारण होता है, तो यह देश के व्यापार घाटे को बढ़ा सकता है।
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क्या भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करके सरकार कर्ज चुका सकती है?
हां, सरकार विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) का उपयोग करके कर्ज चुका सकती है।
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना अन्य देशों से कैसे की जाती है?
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया के सबसे बड़े भंडारों में से एक हैं। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार चीन, जापान और जर्मनी जैसे देशों के भंडार से भी अधिक है।
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विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अधिक जानकारी कहां प्राप्त कर सकता हूं?
विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप निम्नलिखित वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
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रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI):https://www.rbi.org.in/
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वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance):
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विश्व बैंक (World Bank):https://data.worldbank.org/indicator/NV.IND.TOTL.ZS?locations=IN
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क्या विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने की कोई संभावना है?
हां, विदेशी मुद्रा भंडार में कभी-कभी कमी आ सकती है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि:
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व्यापार घाटा (Trade Deficit):यदि किसी देश का आयात निर्यात से अधिक होता है, तो उसे व्यापार घाटा होता है। व्यापार घाटा विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण बन सकता है।
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विदेशी निवेश में कमी (Decrease in Foreign Investment):यदि किसी देश में विदेशी निवेश कम होता है, तो यह विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण बन सकता है।
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आर्थिक संकट (Economic Crisis):यदि किसी देश में आर्थिक संकट होता है, तो यह विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण बन सकता है।
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क्या विदेशी मुद्रा भंडार में कमी चिंता का विषय है?
विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) में थोड़ी कमी आमतौर पर चिंता का विषय नहीं होता है। लेकिन अगर विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
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क्या विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में कोई पुस्तक है?
हां, विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) के बारे में कई पुस्तकें हैं। इनमें से कुछ पुस्तकें हैं:
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“Foreign Exchange Reserves: A Study of India” by Rakesh Mohan
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“The Economics of Foreign Exchange Reserves” by Raghuram Rajan
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“Foreign Exchange Reserves Management in India” by S.L. Shetty
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क्या विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में कोई वीडियो है?
हां, विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में कई वीडियो हैं। इनमें से कुछ वीडियो हैं:
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“Foreign Exchange Reserves: What They Are and Why They Matter” by CNBC
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“How Foreign Exchange Reserves Work” by Investopedia
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“The Importance of Foreign Exchange Reserves” by the World Bank
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क्या विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में कोई कोर्स है?
हां, विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) के बारे में कई कोर्स हैं। इनमें से कुछ कोर्स हैं:
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“Foreign Exchange Reserves Management” by the Indian Institute of Management, Ahmedabad
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“International Finance” by the University of Delhi
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“Global Macroeconomics” by the London School of Economics
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क्या विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में कोई ट्विटर अकाउंट है?
हां, विदेशी मुद्रा भंडार(Foreign Exchange Reserves: A Boon for India’s Fast-Growing Economy) के बारे में कई ट्विटर अकाउंट हैं। इनमें से कुछ ट्विटर अकाउंट निम्नलिखित हैं:
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@RBIhttps://twitter.com/RBI
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@IMFNewshttps://twitter.com/IMFNews
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@WorldBankhttps://twitter.com/WorldBank