सीपीएसई (केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम) के बारे में सब कुछ:
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises), जिन्हें कभी–कभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) के रूप में भी जाना जाता है, भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ये कंपनियां रणनीतिक क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचा, खनिज, ऊर्जा, वित्त और उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ये सरकारी स्वामित्व और नियंत्रणवाली व्यावसायिक इकाइयाँ हैं जो देश के बुनियादी ढांचे के विकास, रणनीतिक क्षेत्रों में मजबूती और आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) की गहराई से जांच करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
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सीपीएसई क्या हैं और सरकार का उन पर नियंत्रण कैसे होता है?
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सीपीएसई सरकार के लिए कैसे फायदेमंद हैं?
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क्या सीपीएसई सरकार के लिए नकदी गाय साबित हो रहे हैं?
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सरकार को इस वित्तीय वर्ष में सीपीएसई से कितना लाभांश प्राप्त हुआ है?
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सीपीएसई के विकास की भविष्य की संभावनाएं क्या हैं?
चलिए, सीपीएसई की दुनिया में गहराई से उतरते हैं!
सीपीएसई (CPSE)क्या हैं?(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises)
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) भारत सरकार द्वारा स्थापित और नियंत्रित व्यावसायिक उद्यम हैं। ये कंपनियां विभिन्न उद्योगों में काम करती हैं, जिनमें कोयला, बिजली, तेल और गैस, इस्पात, परिवहन, बैंकिंग, बीमा और आतिथ्य शामिल हैं। सीपीएसई का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, सामाजिक कल्याण को प्राप्त करना और रणनीतिक क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्वामित्व बनाए रखना है। इनका उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना और रणनीतिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) विभिन्न मंत्रालयों के अधीन कार्य करती हैं, जो उनके संबंधित कार्यों की देखरेख करती हैं।
सीपीएसई के विभिन्न प्रकार:(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises)
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महिंद्रा नवरत्न कंपनियां: ये सीपीएसई सरकार के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियां हैं और उन्हें अधिक स्वायत्तता प्राप्त है। वर्तमान में, भारत में 9 महारत्न कंपनियां हैं। (स्रोत: भारत सरकार – वित्त मंत्रालय: )
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नवरत्न कंपनियां: ये सीपीएसई मध्यम आकार की कंपनियां हैं जिन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें महारत्न कंपनियों की तुलना में थोड़ी कम स्वायत्तता प्राप्त है। भारत में वर्तमान में 17 नवरत्न कंपनियां हैं। (स्रोत: भारत सरकार – वित्त मंत्रालय: )
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कंपनी अधिनियम के तहत सीपीएसई: ये सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) भारतीय कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत हैं और इनका गठन और कार्यप्रणाली इस अधिनियम द्वारा नियंत्रित होती है।
सरकार सीपीएसई पर कैसे नियंत्रण रखती है?
भारत सरकार सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) पर विभिन्न तरीकों से नियंत्रण रखती है, जिनमें शामिल हैं:
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नियुक्ति और पदावस्था: सरकार सीपीएसई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्यों की नियुक्ति करती है, जो कंपनी के कामकाज की देखरेख करते हैं।
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कार्यप्रणाली के दिशानिर्देश: सरकार सीपीएसई को दिशानिर्देश जारी करती है कि वे किन क्षेत्रों में काम करें, किन निवेशों को प्राथमिकता दें और किन सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करें, जो उनके संचालन को प्रभावित करती हैं।
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प्रदर्शन मूल्यांकन: सरकार सीपीएसई के प्रदर्शन की नियमित रूप से निगरानी करती है और उन्हें जवाबदेह ठहराती है।
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स्वामित्व: सरकार सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) की शेयर पूंजी का एक बड़ा हिस्सा रखती है, जो उन्हें कंपनी के मामलों में निर्णय लेने का अधिकार देता है.
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प्रशासनिक नियंत्रण: प्रशासनिक मंत्रालय सीपीएसई के प्रदर्शन की निगरानी करते हैं और उनके लिए नीतियां तैयार करते हैं.
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कार्यपालिका नियंत्रण: सरकार सीपीएसई को दिशानिर्देश जारी कर सकती है और उन्हें राष्ट्रीय हित में कार्य करने की आवश्यकता है.
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बोर्ड नियुक्ति: सरकार सीपीएसई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्यों को नियुक्त करती है, जो कंपनी के निर्णय लेने की प्रक्रिया को निर्देशित करते हैं और कंपनी के दिन–प्रतिदिन के कार्यों का प्रबंधन करते हैं।
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कार प्रदर्शन समझौते (एमओयू): सरकार सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) के साथ प्रदर्शन लक्ष्य निर्धारित करने के लिए समझौते करती है, जिन्हें पूरा करना होता है।
सीपीएसई सरकार के लिए कैसे लाभदायक हैं?
सीपीएसई भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कई तरह से लाभदायक हैं:
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आर्थिक विकास: सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश करती हैं, जो आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देती है। वे रोजगार भी पैदा करती हैं और राष्ट्रीय आय में योगदान देती हैं।
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सामाजिक कल्याण: सीपीएसई अक्सर आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को सस्ती दरों पर प्रदान करती हैं, जिससे गरीबों और वंचितों को लाभ होता है। वे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में भी योगदान करती हैं। सीपीएसई सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए धन उपलब्ध करा सकती हैं।
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बुनियादी ढांचा विकास: सीपीएसई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करती हैं, जो आर्थिक विकास को गति प्रदान करती हैं.
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रोजगार सृजन: सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देती हैं.
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रणनीतिक महत्व: कुछ सीपीएसई रणनीतिक क्षेत्रों में काम करती हैं। जैसे रक्षा, ऊर्जा और परिवहन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं.
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राजस्व सृजन: सीपीएसई सरकार को लाभांश और करों के रूप में राजस्व प्रदान करती हैं।
सीपीएसई के अन्य लाभ:
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नवाचार और अनुसंधान: सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) नवाचार और अनुसंधान में महत्वपूर्ण निवेश करती हैं, जो भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे रहने में मदद करता है।
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विदेशी मुद्रा अर्जन: कुछ सीपीएसई विदेशी मुद्रा अर्जन में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
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कौशल विकास: सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) कर्मचारियों को प्रशिक्षण और कौशल विकास प्रदान करती हैं, जो उन्हें अधिक रोजगार योग्य बनाता है।
सीपीएसई: रणनीतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका
रणनीतिक क्षेत्रों में काम करने वाली सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे रक्षा उपकरणों, ऊर्जा उत्पादन और परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
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रक्षा: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और (BEML–Bharat Earth Movers Limited) जैसी सीपीएसई रक्षा उपकरणों और प्रणालियों का उत्पादन करती हैं। ये कंपनियां भारतीय सेना को आधुनिक हथियार और उपकरणों से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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ऊर्जा: भारत भारी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL), नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPCL) और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) जैसी सीपीएसई बिजली उत्पादन और तेल और गैस के निष्कर्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
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परिवहन: इंडियन रेलवे, एयर इंडिया और पोर्ट्स ट्रस्ट जैसी सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) देश के परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे लोगों और माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाते हैं और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं।
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अनुसंधान :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष अनुसंधान और उपग्रह प्रक्षेपण में अग्रणी है।
सीपीएसई: भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises)
सीपीएसई भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार सीपीएसई को मजबूत बनाने और उन्हें अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या सीपीएसई सरकार के लिए नकद गाय साबित हो रही हैं?
सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) हमेशा सरकार के लिए नकद गाय नहीं होती हैं. कई सीपीएसई लाभदायक हैं और नियमित रूप से लाभांश का भुगतान करती हैं. वहीं कुछ सीपीएसई घाटे में चल रही हैं.
वर्तमान वित्त वर्ष में सरकार को सीपीएसई से कितना लाभांश मिला है?
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) से प्राप्त होने वाले लाभांश का आधिकारिक आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं है. हालांकि, वित्त वर्ष 2022-23 में, सरकार ने सीपीएसई से ₹ 78,231 करोड़ का लाभांश प्राप्त किया था पीआईबी:
सीपीएसई के भविष्य की संभावनाएं क्या हैं?
सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) के भविष्य की संभावनाएं सकारात्मक हैं. भारत सरकार सीपीएसई के विनिवेश और सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि उन्हें अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके. इसके अलावा, बुनियादी ढांचा विकास और आर्थिक उदारीकरण पर जोर देने से सीपीएसई के लिए नए अवसर पैदा होंगे. सीपीएसई भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।
इन सुधारों में शामिल हैं:
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निजीकरण: सरकार कुछ सीपीएसई का निजीकरण कर रही है ताकि उन्हें अधिक कुशल और लाभदायक बनाया जा सके।
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विनिवेश: सरकार कुछ सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है ताकि राजस्व जुटाया जा सके और अन्य क्षेत्रों में निवेश किया जा सके।
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पुनर्गठन: सरकार कुछ सीपीएसई का पुनर्गठन कर रही है ताकि उन्हें अधिक कुशल और प्रभावी बनाया जा सके।
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विलय: सरकार कुछ CPSEs का विलय कर रही है ताकि उन्हें अधिक मजबूत और प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
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सुधार: सरकार CPSEs(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) में सुधार लाने के लिए विभिन्न नीतियां और कार्यक्रम लागू कर रही है।
निष्कर्ष:
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसई)(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां हैं जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं. ये कंपनियां कोयला, बिजली, तेल और गैस, इस्पात, परिवहन, बैंकिंग, बीमा और आतिथ्य जैसी विभिन्न उद्योगों में काम करती हैं. सीपीएसई देश के विकास में कई तरह से योगदान देती हैं.
आसान शब्दों में कहें तो, सीपीएसई उन कंपनियों की तरह हैं जो सरकार के स्वामित्व में हैं और राष्ट्र निर्माण में मदद करती हैं. वे सड़क, बिजली संयंत्र और बांध जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण करती हैं. वे गरीबों को सस्ती दरों पर आवश्यक चीजें भी मुहैया कराती हैं. साथ ही, रक्षा क्षेत्र जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर भी सीपीएसई काम करती हैं, जिससे देश की सुरक्षा मजबूत होती है.
सरकार सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) का मालिक होने के नाते यह सुनिश्चित करती है कि कंपनियां मुनाफा कमाने के साथ–साथ सामाजिक सरोकारों का भी ध्यान रखें. कुल मिलाकर, सीपीएसई भारतीय अर्थव्यवस्था के पहियों को गति देने का काम करती हैं.
आने वाले समय में, सरकार सीपीएसई को और बेहतर बनाने के लिए निजीकरण, विनिवेश और पुनर्गठन जैसे कदम उठा रही है. इसका मतलब है कि कुछ सीपीएसई में सरकार की हिस्सेदारी कम हो सकती है या उनका पूरी तरह से निजीकरण भी किया जा सकता है. वहीं, कुछ सीपीएसई का पुनर्गठन किया जाएगा ताकि वे ज्यादा कुशलता से काम कर सकें.
अंत में, सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) भारत की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा हैं और इनका भविष्य उज्ज्वल है. आने वाले समय में भी ये कंपनियां देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी.
FAQ’s:
1. सीपीएसई का क्या अर्थ है?
सीपीएसई का अर्थ है केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम। ये भारत सरकार द्वारा स्थापित और नियंत्रित व्यावसायिक उद्यम हैं।
2. सीपीएसई के कितने प्रकार हैं?
सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) के तीन प्रकार हैं: महारत्न, नवरत्न और कंपनी अधिनियम के तहत सीपीएसई।
3. सरकार सीपीएसई पर नियंत्रण कैसे रखती है?
सरकार सीपीएसई पर नियुक्ति और पदावस्था, कार्यप्रणाली के दिशानिर्देश और प्रदर्शन मूल्यांकन के माध्यम से नियंत्रण रखती है।
4. सीपीएसई सरकार के लिए कैसे लाभदायक हैं?
सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण, रणनीतिक महत्व, नवाचार और अनुसंधान, विदेशी मुद्रा अर्जन और कौशल विकास में लाभदायक हैं।
5. क्या सीपीएसई सरकार के लिए नकदी गाय हैं?
हां, सीपीएसई सरकार के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
6. सीपीएसई का भविष्य क्या है?
सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे। सरकार उन्हें अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए विभिन्न सुधारों को लागू कर रही है।
7. सीपीएसई के बारे में अधिक जानकारी कहाँ मिल सकती है?
सीपीएसई के बारे में अधिक जानकारी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर मिल सकती है: https://www.finmin.nic.in/
8. सरकार CPSEs पर कैसे नियंत्रण रखती है?
सरकार CPSEs पर विभिन्न तरीकों से नियंत्रण रखती है, जैसे कि नियुक्ति और पदावस्था, कार्यप्रणाली के दिशानिर्देश और प्रदर्शन मूल्यांकन.
9. सीपीएसई का भविष्य क्या है?
सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) का भविष्य उज्ज्वल है। सरकार ने 2025 तक सीपीएसई के राजस्व को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
10. कुछ प्रमुख सीपीएसई कौन से हैं?
कुछ प्रमुख सीपीएसई में ONGC, IOC, BHEL, NTPC, SBI, LIC और BEL शामिल हैं।
11. सीपीएसई में निवेश कैसे कर सकते हैं?
सीपीएसई में निवेश शेयर बाजार के माध्यम से किया जा सकता है।
12. सीपीएसई में नौकरी कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) अपनी वेबसाइटों और अन्य नौकरी पोर्टलों के माध्यम से भर्ती करते हैं।
13. सीपीएसई के बारे में कुछ नवीनतम समाचार क्या हैं?
सीपीएसई के बारे में कुछ नवीनतम समाचारों में सरकार द्वारा सीपीएसई के निजीकरण, विलय और अधिग्रहण (M&A) और नए निवेशों की योजनाएं।
14. क्या कोई सीपीएसई विदेशी कंपनियों के साथ काम कर सकती है?
हां, सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) संयुक्त उद्यम के माध्यम से या अन्य साझेदारी मॉडल के माध्यम से विदेशी कंपनियों के साथ काम कर सकती हैं।
15. सीपीएसई की सामाजिक जिम्मेदारी क्या है?
सीपीएसई की सामाजिक जिम्मेदारी में पर्यावरण संरक्षण, समुदाय का विकास और आदिवासी कल्याण जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
16. क्या कोई भारतीय सीपीएसई के शेयर खरीद सकता है?
हां, कई सीपीएसई सार्वजनिक रूप से कारोबार करती हैं और आप उनके शेयर स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीद सकते हैं।
17. क्या सीपीएसई सरकारी कर्मचारियों की तरह ही लाभ प्राप्त करती हैं?
सीपीएसई(Backbone of India’s Economy: CPSEs-Central Public Sector Enterprises) के कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के मिश्रण हो सकते हैं। यह अलग–अलग सीपीएसई के लिए भिन्न हो सकता है।
18. सीपीएसई निजीकरण से क्या लाभ हैं?
सीपीएसई निजीकरण से प्राप्त धन का उपयोग सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे या सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में किया जा सकता है। निजीकरण से सीपीएसई भी अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धात्मक बन सकती हैं।
19. सीपीएसई निजीकरण से क्या नुकसान हैं?
कुछ सीपीएसई के निजीकरण से रणनीतिक क्षेत्रों में सरकारी नियंत्रण कम हो सकता है। इससे यह भी चिंता है कि निजी कंपनियां मुनाफे को अधिकतम करने पर ध्यान देंगी और सामाजिक कल्याण की उपेक्षा करेंगी। 16. क्या सीपीएसई को कभी बंद किया जा सकता है?
हां, यदि कोई सीपीएसई लगातार घाटे में चल रही है और सुधार के प्रयास विफल रहते हैं, तो सरकार इसे बंद करने का फैसला ले सकती है।
20. सीपीएसई की स्थापना क्यों की जाती है?
सीपीएसई की स्थापना कई कारणों से की जाती है, जैसे:
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देश के बुनियादी ढांचे का विकास करना
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रणनीतिक क्षेत्रों में सरकारी नियंत्रण बनाए रखना
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आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना
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आर्थिक विकास को गति देना और रोजगार पैदा करना
21. सीपीएसई और सरकारी विभाग में क्या अंतर है?
सीपीएसई व्यावसायिक उद्यम हैं, जबकि सरकारी विभाग सरकारी नीतियों को लागू करने के लिए काम करते हैं. सीपीएसई को लाभ कमाने के लिए चलाया जाता है, जबकि सरकारी विभागों का प्राथमिक उद्देश्य सेवा प्रदान करना है.
22. क्या सीपीएसई घाटे में चल सकती हैं?
हां, कुछ सीपीएसई घाटे में चल सकती हैं. कई कारणों से ऐसा हो सकता है, जैसे खराब प्रबंधन, बाजार की स्थिति में बदलाव या पुरानी तकनीक का इस्तेमाल.
23. सीपीएसई के कर्मचारियों को क्या फायदे मिलते हैं?
सीपीएसई के कर्मचारियों को कई फायदे मिलते हैं, जैसे:
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सरकारी नौकरी जैसी सुरक्षा
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अच्छा वेतन और भत्ते
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चिकित्सा बीमा और पेंशन योजनाएं
24. क्या सीपीएसई निजी कंपनियों की तुलना में कम कुशल हैं?
कुछ मामलों में, सीपीएसई निजी कंपनियों की तुलना में कम कुशल हो सकती हैं. यही कारण है कि सरकार सीपीएसई में सुधार लाने के लिए कई कदम उठा रही है.
25. सीपीएसई का पूरा नाम क्या है?
सीपीएसई का पूरा नाम केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है.
26. सीपीएसई के बारे में नवीनतम समाचारों का पता लगाने के लिए सबसे अच्छा स्रोत:
सरकार की वेबसाइटें:
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भारत सरकार का वित्त मंत्रालय: https://www.finmin.nic.in/
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भारत सरकार का सार्वजनिक उद्यम विभाग: https://dpe.gov.in/
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भारतीय उद्योग परिसंघ (CII): https://www.cii.in/
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फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI): https://ficci.in/
वित्तीय समाचार पत्र और वेबसाइटें:
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द इकोनॉमिक टाइम्स: https://economictimes.indiatimes.com/
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द बिजनेस स्टैंडर्ड: https://www.business-standard.com/
रोजगार समाचार पत्र और वेबसाइटें:
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रोजगार समाचार: https://www.employmentnews.gov.in/
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नौकरी.कॉम: https://www.naukri.com/
27. सीपीएसई के बारे में अधिक जानकारी के लिए कुछ उपयोगी पुस्तकें:
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“भारत में सार्वजनिक उद्यम” – डॉ. एम.एन. श्रीनिवासन
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“भारतीय सार्वजनिक उद्यम: एक मूल्यांकन” – डॉ. वाई.के. अग्रवाल
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“सीपीएसई: भारत की अर्थव्यवस्था का आधार” – डॉ. एस.के. मिश्रा
28. सीपीएसई से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण संगठन:
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भारत सरकार का वित्त मंत्रालय
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भारत सरकार का सार्वजनिक उद्यम विभाग
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भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
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फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI)
29. सीपीएसई के बारे में कुछ महत्वपूर्ण ट्विटर अकाउंट:
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@FinMinIndia
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@DPE_GoI
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@cii_india
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@ficci_india
30. सीपीएसई के बारे में कुछ महत्वपूर्ण YouTube चैनल:
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PIB India
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Ministry of Finance, Government of India
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Doordarshan National
31. सीपीएसई के बारे में कुछ महत्वपूर्ण हैशटैग:
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#CPSE
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#PublicSector
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#GovernmentOfIndia
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#Economy
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#Business