हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए आज के 2000 Rocket हमले से विश्व और भारतीय शेयर बाजारों में उथल-पुथल।

हमास

हमास द्वारा इज़राइल पर आज के हमले का विश्व और भारतीय शेयर बाजारों पर प्रभाव:

हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए आज के हमले का विश्व और भारतीय शेयर बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हमास एक इस्लामी आतंकवादी संगठन है जो इज़राइल को नष्ट करना चाहता है। इज़राइल एक पश्चिमी एशियाई देश है जो भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित है। इज़राइल और हमास के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है।

हमास ने आज इज़राइल पर रॉकेट हमले शुरू किए थे। इस हमले में कई इज़रायली मारे गए और घायल हुए थे। इज़राइल ने भी जवाबी कार्रवाई की थी और गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए थे। इस हमले में कई हमास कार्यकर्ता और फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए और घायल हुए थे।

हमास और इज़राइल के बीच यह संघर्ष विश्व और भारतीय शेयर बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। शेयर बाजारों में निवेशक जोखिम से बचने के लिए अपने निवेश बेच रहे हैं। इस वजह से शेयर बाजारों में गिरावट आ रही है।

विश्व शेयर बाजारों पर प्रभाव:

हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए हमले का विश्व शेयर बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। निवेशक इस संघर्ष के बढ़ने और व्यापक क्षेत्रीय युद्ध की संभावना से चिंतित हैं। इसके कारण जोखिम भरी संपत्तियों, जैसे कि शेयरों और कमोडिटीज में बिकवाली हुई है और सोना और यूएस ट्रेजरी जैसी संपत्तियों में सुरक्षा की तलाश की गई है।

वैश्विक शेयर बाजारों पर प्रभाव सबसे अधिक उभरते बाजारों में पड़ा है, जो भू-राजनीतिक जोखिमों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय शेयर बाजार संघर्ष शुरू होने के बाद से 5% से अधिक गिर गया है।

इस संघर्ष का तेल की कीमतों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, क्योंकि निवेशक आपूर्ति में व्यवधान की संभावना से चिंतित हैं। संघर्ष शुरू होने के बाद से ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में 10% से अधिक की वृद्धि हुई है।

भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव:

भारतीय शेयर बाजार भी हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष से नकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है। सेंसेक्स, भारत का प्रमुख शेयर सूचकांक, संघर्ष शुरू होने के बाद से 5% से अधिक गिर गया है।

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट कई कारकों के कारण हुई है, जिनमें शामिल हैं:

  • निवेशकों में जोखिम से बचाव में वृद्धि

  • वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संघर्ष के प्रभाव के बारे में चिंता

  • तेल की कीमतों पर संघर्ष के प्रभाव के बारे में चिंता

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट निवेशकों और सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय है। सरकार शेयर बाजार का समर्थन करने के लिए कदम उठा रही है, जैसे कि प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये उपाय संघर्ष के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए पर्याप्त होंगे।

निष्कर्ष:

हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष एक प्रमुख भू-राजनीतिक घटना है जिसके वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की क्षमता है। भारतीय शेयर बाजार पर संघर्ष का प्रभाव अब तक नकारात्मक रहा है। हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी कि संघर्ष का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा।

FAQ:

 

Q1. हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकता है:

  • वैश्विक आर्थिक विकास में कमी: इस संघर्ष के कारण वैश्विक आर्थिक विकास में कमी आ सकती है, क्योंकि निवेशक जोखिम से बचने के लिए अपने निवेश को कम कर सकते हैं।

  • तेल की कीमतों में वृद्धि: इस संघर्ष के कारण तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इज़राइल और इराक दोनों तेल उत्पादक देश हैं।

  • व्यापार में बाधा: इस संघर्ष के कारण व्यापार में बाधा उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैं।

Q2. हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष का भारतीय शेयर बाजार पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष का भारतीय शेयर बाजार पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकता है:

  • शेयर बाजार में गिरावट: इस संघर्ष के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है, क्योंकि निवेशक जोखिम से बचने के लिए अपने निवेश को कम कर सकते हैं।

  • विदेशी निवेश में कमी: इस संघर्ष के कारण विदेशी निवेश में कमी आ सकती है, क्योंकि निवेशक भारत में अपने निवेश को कम करने की संभावना रखते हैं।

  • मुद्रास्फीति में वृद्धि: इस संघर्ष के कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि तेल की कीमतों में वृद्धि से आयात की लागत बढ़ जाती है।

Q3. सरकार भारतीय शेयर बाजार को समर्थन देने के लिए क्या कर रही है?

सरकार भारतीय शेयर बाजार को समर्थन देने के लिए निम्नलिखित उपाय कर रही है:

  • प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा: सरकार ने एक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है, जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने में मदद करेगा।

  • बैंकिंग क्षेत्र में सुधार: सरकार बैंकिंग क्षेत्र में सुधार कर रही है, ताकि निवेशकों को अधिक विश्वास हो सके।

  • वित्तीय बाजारों को सुदृढ़ करना: सरकार वित्तीय बाजारों को सुदृढ़ करने के लिए काम कर रही है, ताकि वे उतार-चढ़ाव का सामना कर सकें।

Q4. हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष का दीर्घकालिक प्रभाव क्या हो सकता है?

हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष का दीर्घकालिक प्रभाव अभी भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, यह संभव है कि यह संघर्ष क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा दे सकता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

Q5. निवेशक क्या कर सकते हैं?

निवेशकों को हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपने निवेश पर सावधानी बरतनी चाहिए। निवेशकों को निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:

  • अपनी पोर्टफोलियो में विविधता लाएं: निवेशकों को अपनी पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए, ताकि वे किसी एक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम कर सकें।

  • तरल निवेशों में निवेश करें: निवेशकों को तरल निवेशों में निवेश करना चाहिए, ताकि वे जरूरत पड़ने पर अपने निवेश को बेच सकें।

अपने जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन करें: निवेशकों को अपने जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन करना चाहिए और अपने निवेश को उसी के अनुरूप रखना चाहिए।

 

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