F&O कर वृद्धि
F&O कर बढ़ेगा?
आगामी बजट में सरकार F&O कर बढ़ाने का प्रस्ताव
दे रही है
F&O कारोबार क्या है?
वायदा और विकल्प (F&O) अनुबंधों के जरिए भविष्य में किसी निश्चित दाम पर शेयर खरीदने-बेचने का करार होता है
F&O कर वृद्धि
का सीधा असर
कर बढ़ने से निवेशकों का मुनाफा कम होगा. इससे कारोबार घट सकता है
बाजार धारणा पर असर
कर वृद्धि से निवेशकों का बाजार के प्रति आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है
खुदरा vs. संस्थागत निवेशक
कर वृद्धि का ज्यादा असर संभवतः खुदरा निवेशकों पर पड़ेगा. संस्थागत निवेशक कर बोझ
सह सकते हैं
तरलता और अस्थिरता
F&O कर बढ़ने से बाजार में तरलता कम हो सकती है. कम कारोबार से कम ऑर्डर मिलेंगे, जिससे अस्थिरता बढ़ सकती है
दीर्घकालिक
निवेश पर असर
कर वृद्धि अल्पकालिक सट्टेबाजी कम कर सकती है, लेकिन यह लंबी अवधि के हेजिंग रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकती है
वैश्विक तुलना और वैकल्पिक रणनीति
भारत में F&O कर अपेक्षाकृत कम है. कर बढ़ने से भारतीय बाजार वैश्विक निवेशकों के लिए कम आकर्षक हो सकता है
सरकारी लक्ष्य
और प्रतिक्रियाएं
सरकार का लक्ष्य राजस्व बढ़ाना या सट्टेबाजी नियंत्रित करना हो सकता है. प्रतिक्रियाएं मिलीजुली हैं
Call To Action
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