T+0 सेटलमेंट  क्या है?

शेयर बाजार में पेचीदा स्टॉक निपटारा

शेयर खरीदने के बाद भी आपको स्टॉक मिलने में एक दिन लगता है? स्टॉक निपटारा समझें और जानें यह कैसे काम करता है।

T+1 निपटारा -  अभी की व्यवस्था

अभी, शेयर खरीदने या बेचने के बाद आपको स्टॉक और फंड मिलने में T+1 यानी एक दिन का समय लगता है।

T+0 निपटारा - तेजी से निपटारे का वादा

SEBI 25 शेयरों पर T+0 निपटारे का परीक्षण कर रही है। इसमें स्टॉक खरीदने और फंड प्राप्त करने के बीच का समय खत्म हो जाएगा।

T+0 निपटारे के फायदे

T+0 निपटारे से बाजार में तरलता बढ़ सकती है और निवेशकों को जल्दी धन प्राप्त हो सकता है।

T+0 निपटारे के संभावित नुकसान

शुरुआत में बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ने की संभावना है। लेनदेन लागत भी बढ़ सकती है।

दीर्घकालिक प्रभाव

T+0 निपटारा बाजार को अधिक कुशल बना सकता है, लेकिन इसके लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता होगी।

अल्पकालिक प्रभाव

शुरुआत में बाजार में उतार-चढ़ाव और लेनदेन लागत में वृद्धि देखी जा सकती है।

T+0 निपटारा  कब लागू होगा?  

SEBI द्वारा परीक्षण चल रहा है। सफल परीक्षण के बाद, इसे धीरे-धीरे सभी शेयरों पर लागू किया जा सकता है।

T+0 निपटारे के बारे  में अधिक जानें

SEBI की वेबसाइट और वित्तीय समाचार स्रोतों से T+0 निपटारे के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।

Call to Action

अपने विचार कमेंट  में शेयर करें!