भारतीय
बाजार में खतरा?
विदेशी निवेशकों
की बिकवाली
नवंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजार से 28,701 करोड़
रुपये निकाले.
क्यों बढ़ रही है चिंता?
लगातार कई महीनों से एफपीआई की
बिकवाली जारी है.
बढ़ते अमेरिकी
ब्याज दरें
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि से भारतीय बाजार
प्रभावित हो रहा है.
मजबूत डॉलर
का प्रभाव
मजबूत डॉलर से रुपये की कमजोरी और एफपीआई के रिटर्न कम हो रहे हैं.
भारतीय बाजार का उच्च मूल्यांकन
भारतीय शेयरों का मूल्यांकन कई अन्य उभरते बाजारों की
तुलना में अधिक है.
भारतीय अर्थव्यवस्था की चिंताएं
कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक मंदी, और मुद्रास्फीति ने भारतीय अर्थव्यवस्था को
प्रभावित किया है.
भू-राजनीतिक तनाव
भारत और चीन के बीच तनाव से निवेशकों की चिंता बढ़ रही है.
आईपीओ की बाढ़
अधिक आईपीओ से बाजार का मूल्यांकन बढ़ सकता है और भविष्य के संभावित सुधारों के लिए कम जगह हो सकती है.
भारतीय
बाजार का भविष्य
भारत की दीर्घकालिक विकास संभावनाएं मजबूत हैं.
Call To Action
दीर्घकालिक निवेशक सावधानी बरतें.
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