एफपीआई का  भारी बहिर्गमन

मई का महा-पलायन! 

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश का भारी बहिर्गमन - जानें  क्या है असर? 

विदेशी निवेश  का बहिर्गमन 

मई 2024 तक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने ₹28,242 करोड़ से अधिक निकाले। 

बहिर्गमन के  पीछे कारण 

राज्य चुनावों की अनिश्चितता, वैश्विक बाजार अस्थिरता और ब्याज दरों में वृद्धि ने एफपीआई को धन निकालने के लिए प्रेरित किया। 

बाजार पर प्रभाव 

एफपीआई बहिर्गमन से सेंसेक्स और निफ्टी समेत प्रमुख सूचकांकों में गिरावट आई। 

विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव 

एफपीआई निवेश वाले क्षेत्रों, जैसे आईटी और दूरसंचार, में बिकवाली का ज्यादा असर दिखा। 

निवेशकों का रुझान 

एफपीआई बहिर्गमन से निवेशक धारणा कमजोर हुई, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) बाजार का समर्थन कर रहे हैं। 

भविष्य के रुझान 

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि एफपीआई बहिर्गमन निकट भविष्य में जारी रह सकता है, लेकिन बाजार स्थिर होने के बाद सुधार आ सकता है। 

सरकारी और नियामक उपाय 

सरकार और नियामक निकाय निवेशक विश्वास को सुधारने और एफपीआई को फिर से आकर्षित करने के लिए कदम उठा सकते हैं। 

आपके निवेश  पर प्रभाव 

यह दीर्घकालिक निवेशकों के लिए अवसर हो सकता है, लेकिन सावधानीपूर्वक शोध जरूरी है। 

Call To Action 

बाजार की अस्थिरता के बावजूद, भारतीय  अर्थव्यवस्था मजबूत है। अपनी निवेश रणनीति बनाएं।