अपना पुराना घर बेचने का फैसला ले लिया है? बढ़िया! लेकिन रुकिए, एक सवाल जरूर दिमाग में आ रहा होगा - "इस पर कितना टैक्स चुकाना होगा?" चिंता न करें, ये वेब स्टोरी आपके सवालों का जवाब देगी!
पूंजीगत लाभ क्या है?
घर बेचने से होने वाले मुनाफे को "पूंजीगत लाभ" कहते हैं. इस पर आपको टैक्स देना होता है, लेकिन सरकार ने कुछ छूटें भी रखी हैं, जिन्हें जानना जरूरी है!
दीर्घकालिक बनाम अल्पकालिक लाभ
अगर आपने अपना घर दो साल से अधिक रखा है और फिर बेचा है, तो आपको "दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ" मिलेगा. इस पर सिर्फ 20.8% टैक्स लगता है! लेकिन कम समय में बेचने पर "अल्पकालिक लाभ" होता है, जिस पर आपकी आयकर स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है.
धारा 54: टैक्स बचाने का जादूगर!
धारा 54 आपके लिए बचाव का सबसे बड़ा हथियार है! अगर आप पूंजीगत लाभ का इस्तेमाल नया घर खरीदने में करते हैं तो पूरा टैक्स बच सकता है!
धारा 54F: सीनियर सिटीजन का सहारा!
अगर आप सीनियर सिटीजन आश्रम में 50 लाख रुपये या उससे अधिक निवेश करते हैं तो पूरे पूंजीगत लाभ पर छूट मिल सकती है! अपने माता-पिता के लिए भी ये फायदेमंद हो सकता है!
एक बार छूट, एक ही घर!
याद रखें, धारा 54 या 54F का फायदा सिर्फ एक नए घर पर उठाया जा सकता है. इसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता!
नया घर बेचने की पाबंदी!
जिस नए घर पर आपने छूट का लाभ उठाया है, उसे कम से कम तीन साल तक बेचा नहीं जा सकता है. वरना छूट वापस करनी पड़ सकती है!
खर्चे भी हैं!
घर बेचने के खर्चे जैसे ब्रोकरेज फीस और स्टांप पेपर शुल्क टैक्स में कटौती के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
मरम्मत का फायदा!
अगर आपने घर में कोई सुधार या मरम्मत का काम करवाया है तो उसका खर्च भी कटौती के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
Call To Action
किसी कर सलाहकार से संपर्क करना सबसे अच्छा है! वो आपकी परिस्थिति के हिसाब से गाइड करेंगे.