सोने की 1 चमक और मुद्रास्फीति का 100% झटका: क्या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bonds) आपके लिए हैं?

Sovereign Gold Bonds

सोने की चमक, मुद्रास्फीति से बचाव: 18 दिसंबर 2023 से खुल रहे हैं Sovereign Gold Bonds-सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के ट्रेंच, जानिए ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदने के फायदे!

Sovereign Gold Bonds – सोना सदियों से भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। निवेश के तौर पर भी सोने को हमेशा सुरक्षित और मूल्यवान विकल्प माना जाता है। निवेश के तौर पर भी इसे शुभ माना जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सोने में निवेश करने का एक आसान और सुरक्षित तरीका भी है? जी हां, हम बात कर रहे हैं Sovereign Gold Bonds-सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की। हालांकि, Physical Gold – भौतिक सोने को खरीदने और रखने से जुड़ी कुछ चुनौतियां भी हैं। ऐसे में, सरकार द्वारा उपलब्ध Sovereign Gold Bonds-सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड‘ (SGB) निवेशकों को सोने के स्वामित्व का लाभ बिना भौतिक सोने की परेशानी के उठाने का अनूठा मौका देते हैं।

18 दिसंबर से Sovereign Gold Bonds-सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज़ खुल रही है! यह आपके लिए शायद सोने में निवेश करने का सबसे अच्छा मौका हो सकता है। आइए, इस लेख में समझें कि SGB क्या हैं, ये कैसे फिजिकल गोल्ड से अलग हैं और मुद्रास्फीति को मात देने में कैसे आपकी मदद कर सकते हैं।

Sovereign Gold Bonds-क्या हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)?

सरकार द्वारा जारी ये सरकारी प्रतिभूतियां हैं, जिनका मूल्य सोने के ग्राम में तय किया जाता है। यानी, आप Physical Goldभौतिक सोना खरीदे बिना ही उसकी कीमत के उतारचढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं। SGB की अवधि 8 साल की होती है, जिसमें हर छह महीने पर सोने के बाजार भाव के आधार पर ब्याज मिलता है।

मुद्रास्फीति को मात देने में कैसे फायदेमंद हैं Sovereign Gold Bonds-SGB?

मुद्रास्फीति का मतलब है कि समय के साथ रुपये की क्रय शक्ति कम हो जाती है। ऐसे में, सोने की कीमत आम तौर पर मुद्रास्फीति के साथ बढ़ती है। SGB में, आपको सोने के मूल्य के साथसाथ 2.5% प्रति वर्ष का ब्याज भी मिलता है। यह सुनिश्चित करता है कि आपका निवेश मुद्रास्फीति के मुकाबले बेहतर रिटर्न दे।

मुद्रास्फीति के दौर में सोना आम तौर पर मुद्रा के मूल्यह्रास के साथ तालमेल रखता है। यानी, जब कीमतें बढ़ती हैं, तो सोने की कीमत भी बढ़ती है। ऐसे में, SGB में निवेश करके आप अपने निवेश को मुद्रास्फीति के नकारात्मक प्रभाव से बचा सकते हैं। साथ ही, हर छह महीने पर मिलने वाला ब्याज आपके ब्याज आय को भी बढ़ाता है।

सोना vs Sovereign Gold Bonds-पेपर गोल्ड: क्या है अंतर?

सोने में निवेश करने के दो मुख्य तरीके हैं: फिजिकल गोल्ड और पेपर गोल्ड। फिजिकल गोल्ड यानी सोने के सिक्के या बार खरीदना। पेपर गोल्ड में Sovereign Gold Bonds-SGB, गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट जैसे विकल्प आते हैं।

Sovereign Gold Bonds-पेपर गोल्ड(SGB):

  • फायदे:

    • सरकारी गारंटी, सुरक्षित निवेश।

    • फिजिकल गोल्ड की तरह ही सोने की कीमतों से जुड़ा हुआ।

    • 2.5% सालाना ब्याज मिलता है।

    • लोन लेने में भी काम आता है।

    • कैपिटल गेन टैक्स में छूट का लाभ।

  • नुकसान:

    • फिजिकल गोल्ड का एहसास नहीं मिलता।

    • 5 साल से पहले बेचना मुश्किल।

    • बाजार की उतारचढ़ाव पर निर्भरता

    • कम तरलता।

Physical Gold – फिजिकल गोल्ड:

  • फायदे:

    • छूकर सोने का सुख।

    • भौतिक रूप से सोना रखने की संतुष्टि, सुरक्षा और लंबे समय में मूल्य वृद्धि की संभावना।

    • आपातकाल में आसानी से बेचने की सुविधा।

  • नुकसान:

    • चोरी का जोखिम।

    • स्टोरेज और बीमा का खर्च।

    • मेकिंग चार्ज और शुद्धता की चिंता।

    • बाजार की उतारचढ़ाव पर निर्भरता

Physical Gold भौतिक सोना vs पेपर गोल्ड (Sovereign Gold Bonds – SGB): तुलनात्मक अध्ययन

पहलू

भौतिक सोना

पेपर गोल्ड (SGB)

निवेश का तरीका

भौतिक सोना खरीदना और रखना

सरकार द्वारा जारी बॉन्ड खरीदना

भंडारण और सुरक्षा

आपके जिम्मे में

सरकार की गारंटी

तरलता

बेचने में समय लग सकता है

स्टॉक एक्सचेंज पर आसानी

से ट्रेड हो सकते हैं

शुद्धता की गारंटी

स्वर्णकार से करानी पड़ती है

सरकारी गारंटी

शुल्क और खर्चे

मेकिंग चार्ज, स्टोरेज कॉस्ट

कोई मेकिंग चार्ज नहीं,

स्टोरेज कॉस्ट नहीं

पूंजीगत लाभ कर

लागू

लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर छूट

 

 

सोने के खिलाफ Sovereign Gold Bonds-पेपर गोल्ड(SGB) कैसे जीत सकता है मुकाबला?

  • महंगाई को मात: Sovereign Gold Bonds – SGB में मिलने वाला ब्याज महंगाई को कम करने में मदद करता है।

  • स्टोरेज की चिंता नहीं: Sovereign Gold Bonds – SGB को भौतिक रूप से रखने की जरूरत नहीं है, चोरी का जोखिम नहीं।

  • शुद्धता की गारंटी: सरकार द्वारा जारी होने से शुद्धता की चिंता दूर होती है।

  • टैक्स लाभ: Sovereign Gold Bonds – SGB में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है, लेकिन परिपक्वता पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिलती है।

कैसे खरीदें Sovereign Gold Bonds – पेपर गोल्ड(SGB)?

Sovereign Gold Bonds – SGB को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है।

  • ऑनलाइन: अधिकांश बैंकों की नेट बैंकिंग और मोबाइल ऐप के जरिए।

  • ऑफलाइन: बैंकों, स्टॉकहोल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL) और डाकघरों के जरिए।

 

नवीनतम Sovereign Gold Bonds – SGB सीरीज़ के बारे में जानें:

  • सब्सक्रिप्शन अवधि: 18 दिसंबर से 22 दिसंबर, 2023 तक

  • इश्यू तिथि: 28 दिसंबर, 2023

  • निवेश सीमा: न्यूनतम 1 ग्राम से लेकर अधिकतम 4 किलोग्राम तक

  • ब्याज दर: 2.5% प्रति वर्ष

  • खरीदने के तरीके: ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल ऐप, बैंक शाखा, डाकघर, स्टॉकहोल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL)

ध्यान देने योग्य बातें:

  • नवीनतम जानकारी के अनुसार, 2023-24 सीरीज III के Sovereign Gold Bonds – SGB का निर्गम मूल्य अभी घोषित

    नहीं किया गया है।

  • निवेश से पहले Sovereign Gold Bonds – SGB से जुड़े नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

  • किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

 

निष्कर्ष:

Sovereign Gold Bonds – SGB फिजिकल गोल्ड की तुलना में एक आसान और सुरक्षित विकल्प है। यह आपको सोने के मूल्य वृद्धि का लाभ उठाने और साथ ही ब्याज कमाने की भी अनुमति देता है। मुद्रास्फीति के माहौल में, SGB आपके निवेश पोर्टफोलियो में विविधीकरण लाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। SGB सोने में निवेश करने का एक आकर्षक विकल्प है। यह सुरक्षित, सुविधाजनक और सरकार द्वारा समर्थित है। लंबे समय में, SGB महंगाई को मात देकर आपके निवेश को बढ़ाने में मदद कर सकता है। SGB भौतिक सोने के निवेश से जुड़ी असुविधाओं को दूर करते हुए सोने के मूल्य वृद्धि से लाभ उठाने का सरल और सुरक्षित तरीका प्रदान करते हैं। सरकार की गारंटी और छूट का प्रावधान उन्हें और भी आकर्षक बनाता है। तो, 18 दिसंबर से SGB के बंधन खुलने पर जरूर विचार करें और अपने सोने के निवेश को एक नया आयाम दें!

 

FAQs:

1. क्या SGB में निवेश करने के लिए डीमैट खाता जरूरी है?

A- जी नहीं, SGB में निवेश करने के लिए डीमैट खाता जरूरी नहीं है। आप किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस से SGB खरीद सकते हैं। हालांकि, अगर आप SGB को स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड करना चाहते हैं, तो आपको डीमैट खाता खोलना होगा।

2. SGB में निवेश करने की न्यूनतम सीमा क्या है?

A- SGB में निवेश की न्यूनतम सीमा एक ग्राम सोने की है। यानी, आप एक ग्राम से लेकर अधिकतम 4 किलोग्राम तक के SGB में निवेश कर सकते हैं।

3. SGB की मैच्योरिटी अवधि क्या है?

A- SGB की मैच्योरिटी अवधि 8 साल की है। हालांकि, आप SGB को मैच्योरिटी से पहले भी बेच सकते हैं, लेकिन आपको कुछ नुकसान हो सकता है।

4. SGB पर ब्याज दर क्या है?

A- SGB पर ब्याज दर हर छह महीने पर तय होती है। वर्तमान में, SGB पर 2.5% प्रतिवर्ष की ब्याज दर मिल रही है।

5. SGB पर टैक्स कैसे लगता है?

A- SGB पर टैक्स की गणना निवेश की अवधि के आधार पर की जाती है। अगर आप SGB को 8 साल से पहले बेचते हैं, तो आपको पूंजीगत लाभ पर टैक्स देना होगा। हालांकि, अगर आप SGB को 8 साल बाद बेचते हैं, तो आपको पूंजीगत लाभ पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

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