NSE ने F&O ट्रेडिंग समय बढ़ाकर रात 11:55 बजे करने का प्रस्ताव रखा

NSE

Introduction

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने F&O (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) ट्रेडिंग समय बढ़ाकर रात 11:55 बजे करने का प्रस्ताव रखा है. वर्तमान में, NSE पर F&O ट्रेडिंग सुबह 9:15 बजे शुरू होता है और शाम 3:30 बजे समाप्त होता है. NSE का यह प्रस्ताव अभी सेबी के पास स्वीकृति के लिए लंबित है.

NSE ने F&O ट्रेडिंग समय बढ़ाने के कई कारण दिए हैं. इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं:

  • वैश्विक बाजारों के साथ तालमेल बिठाने के लिए: NSE दुनिया के सबसे बड़े F&O एक्सचेंजों में से एक है. दुनिया के अन्य प्रमुख F&O एक्सचेंजों का ट्रेडिंग समय हमारे बाजार से अधिक लंबा है. NSE का मानना है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाकर यह वैश्विक बाजारों के साथ तालमेल बिठा सकता है.

  • निवेशकों को अधिक समय देने के लिए: NSE का मानना है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाकर यह निवेशकों को अपने ट्रेड को बेहतर तरीके से प्लान करने और प्रबंधित करने का अधिक समय दे सकता है. इससे निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

  • बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए: NSE का मानना है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाकर यह बाजार में तरलता बढ़ा सकता है. इससे निवेशकों को अपने ट्रेड को आसानी से निष्पादित करने में मदद मिलेगी.

NSE का F&O ट्रेडिंग समय बढ़ाने का प्रस्ताव विवादित भी रहा है. कुछ लोगों का मानना है कि इससे निवेशकों को नुकसान होगा क्योंकि उन्हें अधिक समय तक बाजार की निगरानी करनी होगी और उन्हें अधिक तनाव का सामना करना पड़ेगा. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इससे बाजार में अस्थिरता बढ़ेगी.

हालांकि, Exchange का कहना है कि वह ट्रेडिंग समय बढ़ाने से पहले सभी हितधारकों से परामर्श करेगा और निवेशकों के हितों की रक्षा करेगा.

निष्कर्ष

NSE का F&O ट्रेडिंग समय बढ़ाना एक महत्वपूर्ण निर्णय है. इससे भारतीय बाजार को वैश्विक बाजारों के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी और निवेशकों को अधिक समय देकर उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी. हालांकि, यह निर्णय विवादित भी रहा है और कुछ लोगों का मानना है कि इससे निवेशकों को नुकसान होगा और बाजार में अस्थिरता बढ़ेगी. NSE का कहना है कि वह ट्रेडिंग समय बढ़ाने से पहले सभी हितधारकों से परामर्श करेगा और निवेशकों के हितों की रक्षा करेगा.

FAQ

Q1. NSE का F&O ट्रेडिंग समय बढ़ने से मुझे क्या लाभ होगा?

A.   Exchange का F&O ट्रेडिंग समय बढ़ने से आपको निम्नलिखित लाभ हो                सकते हैं:

  • आपको अपने ट्रेड को बेहतर तरीके से प्लान करने और प्रबंधित करने के लिए अधिक समय मिलेगा.

  • आप बाजार में होने वाली घटनाओं पर बेहतर तरीके से प्रतिक्रिया दे पाएंगे.

  • आपको वैश्विक बाजारों के साथ तालमेल बिठाने का अधिक अवसर मिलेगा.

Q2. NSE का F&O ट्रेडिंग समय बढ़ने से मुझे कोई नुकसान होगा?

A.   Exchange का F&O ट्रेडिंग समय बढ़ने से आपको निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:

  • आपको अधिक समय तक बाजार की निगरानी करनी पड़ेगी और आपको अधिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है.

  • आपको अधिक व्यापारिक निर्णय लेने होंगे, जिससे आपकी गलती करने की संभावना बढ़ सकती है.

  • बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे आपके नुकसान की संभावना बढ़ सकती है.

Q3. क्या Exchange के F&O ट्रेडिंग समय को बढ़ाने से बाजार में अस्थिरता                बढ़ेगी?

A.     NSE का कहना है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाने से बाजार में अस्थिरता बढ़ने की            संभावना नहीं है. NSE का तर्क है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाने से बाजार में                     तरलता बढ़ेगी, जिससे अस्थिरता कम होगी. हालांकि, कुछ विश्लेषकों का               मानना है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाने से बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है, क्योंकि         इससे निवेशकों को अधिक समय तक बाजार की निगरानी करनी होगी और          उन्हें अधिक तनाव का सामना करना पड़ेगा.

Q4.  क्या Exchange के F&O ट्रेडिंग समय को बढ़ाने से निवेशकों को नुकसान         होगा?

A.     NSE का कहना है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाने से निवेशकों को नुकसान नहीं               होगा. NSE का तर्क है कि इससे निवेशकों को अपने ट्रेड को बेहतर तरीके से        प्लान करने और प्रबंधित करने का अधिक समय मिलेगा. हालांकि, कुछ                   विश्लेषकों का मानना है कि ट्रेडिंग समय बढ़ाने से निवेशकों को नुकसान हो          सकता है, क्योंकि इससे उन्हें अधिक समय तक बाजार की निगरानी करनी            होगी और उन्हें अधिक तनाव का सामना करना पड़ेगा. इसके अलावा, इससे         निवेशकों को अधिक व्यापारिक निर्णय लेने होंगे, जिससे उनकी गलती करने          की संभावना बढ़ सकती है.

अंत में, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि Exchange के F&O ट्रेडिंग समय को बढ़ाने का प्रस्ताव अभी सेबी के पास स्वीकृति के लिए लंबित है. यह स्पष्ट नहीं है कि सेबी इस प्रस्ताव को कब तक मंजूरी देगा और क्या देगा. यदि सेबी इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो NSE के F&O ट्रेडिंग समय को बढ़ाने में कुछ समय लग सकता है.

 

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