मास्टर SIP: 5 साल में समझें टाइमिंग का खेल(Master SIP: Understand the game of timing in 5 years)

Timing the market

महीने की कौन सी तारीख पर करें SIP? मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट से जानें!

SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश करने वाले(Master SIP: Understand the game of timing in 5 years) कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या SIP की सही तारीख चुनना ज़रूरी है? क्या मार्केट के सबसे निचले स्तर पर SIP करने से ज़्यादा फ़ायदा होता है? मोतीलाल ओसवाल की एक हालिया रिपोर्ट इस बारे में कुछ दिलचस्प बातें सामने लाई है, जो निवेशकों के लिए जानना ज़रूरी है।

 

क्या ‘परफेक्ट टाइमिंग’ से मिलता है ज़्यादा रिटर्न?

अक्सर निवेशक यह सोचते हैं कि महीने की उस तारीख पर SIP कटे जब मार्केट सबसे नीचे हो, ताकि उन्हें ज़्यादा यूनिट मिलें और मुनाफ़ा भी ज़्यादा हो। लेकिन मोतीलाल ओसवाल एएमसी की स्टडी बताती है कि लंबे समय के निवेश में ‘परफेक्ट टाइमिंग'(Master SIP: Understand the game of timing in 5 years) का असर बहुत कम होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई निवेशक हर महीने निफ्टी 500 इंडेक्स में सबसे ऊंचे स्तर पर SIP करता है और दूसरा सबसे निचले स्तर पर, तब भी 10 साल में दोनों के रिटर्न में फ़र्क सिर्फ 1.13% का होता है। इसका मतलब है कि गेम ‘टाइमिंग’ का नहीं, बल्कि ‘टिके रहने’ का है।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी में पैसिव इन्वेस्टमेंट के हेड, प्रतिक ओसवाल बताते हैं कि हर महीने मार्केट के सबसे निचले पॉइंट पर निवेश करना लगभग नामुमकिन है। यह सिर्फ़ किस्मत की बात हो सकती है, लेकिन ऐसा लगातार करना संभव नहीं। उन्होंने एक उदाहरण दिया कि अगर किसी ने 10 साल तक हर महीने मार्केट के सबसे निचले स्तर पर SIP किया होता, तो उसे लगभग 15.82% का रिटर्न मिलता। वहीं, अगर किसी और ने हर महीने मार्केट के सबसे ऊंचे पॉइंट(Master SIP: Understand the game of timing in 5 years) पर ही निवेश किया, तो भी उसे 14.68% का रिटर्न मिला। फ़र्क सिर्फ़ 1.13% का है।

कम समय के निवेश पर पड़ता है असर

हालांकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि कम समय के निवेश में सही टाइमिंग से काफ़ी फ़र्क पड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी ने अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले एक साल के SIP(Master SIP: Understand the game of timing in 5 years) में हर महीने निफ्टी 500 इंडेक्स के सबसे निचले पॉइंट पर निवेश किया, तो उसे 1.17% का रिटर्न मिला। वहीं, जिसने हर महीने सबसे ऊंचे पॉइंट पर निवेश किया, उसे 9.9% का नुकसान हुआ। यानी दोनों के बीच रिटर्न का अंतर 11.04% रहा। यह दर्शाता है कि कम अवधि के लिए, SIP की तारीख का चुनाव महत्वपूर्ण हो सकता है।

 

लंबी अवधि में कम हो जाता है टाइमिंग का फ़र्क:

प्लान रुपी के फाउंडर अमोल जोशी कहते हैं कि SIP को कम से कम 5 से 7 साल का समय देना चाहिए ताकि मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर खत्म हो सके। जैसे-जैसे निवेश की अवधि लंबी होती है, सही टाइमिंग का फ़र्क कम होता जाता है।
* अगर आप 5 साल तक SIP करते हैं, तो निवेश के शुरुआत के दिन का रिटर्न पर असर सिर्फ़ 3% के आसपास होता है।
* अगर आप 15, 20 या 25 साल तक निवेश करते रहें, तो यह फ़र्क और भी कम हो जाता है। 15 साल में करीब 0.7%, 20 साल में 0.7% और 25 साल में केवल 0.6% रह जाता है।
मार्केट को टाइम करने से बेहतर है, निवेश में टिके रहना
मनी मंत्रा के वायरल भट्ट भी इस बात पर ज़ोर देते हैं कि मार्केट की टाइमिंग करना(Master SIP: Understand the game of timing in 5 years) आम लोगों के लिए मुश्किल होता है। इसलिए, सबसे ज़रूरी है कि आप मार्केट में बने रहें और धैर्य रखें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेश में सही समय पकड़ने की कोशिश करने से बेहतर है कि आप लंबे समय तक लगातार निवेश करते रहें।

निष्कर्ष:

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट और विशेषज्ञों की राय यह स्पष्ट करती है कि SIP में ‘टाइमिंग’ से ज़्यादा ‘टिके रहना’ महत्वपूर्ण है। लंबी अवधि के निवेश(Master SIP: Understand the game of timing in 5 years) में SIP की तारीख का चुनाव आपके कुल रिटर्न पर नगण्य प्रभाव डालता है। मार्केट के उतार-चढ़ाव को भुनाने की कोशिश करना एक मुश्किल काम है, और अक्सर यह निवेशकों के लिए नुक़सानदेह साबित हो सकता है। SIP का मूल सिद्धांत ही यह है कि यह आपको ‘रुपया लागत औसत’ (Rupee Cost Averaging) का फ़ायदा देता है, जहां आप मार्केट के हर स्तर पर निवेश करते हैं, जिससे आपको विभिन्न कीमतों पर यूनिट मिलती हैं और अंततः एक औसत लागत प्राप्त होती है। इसलिए, अपनी SIP के लिए एक निश्चित तारीख चुनें और उस पर बने रहें, बजाय इसके कि आप हर महीने मार्केट को ‘टाइम’ करने की कोशिश करें। अनुशासन, धैर्य और लंबी अवधि के लिए निवेश में बने रहना ही SIP से अधिकतम रिटर्न प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका है। अपनी वित्तीय योजनाओं के अनुरूप नियमित रूप से निवेश करते रहें और समय को अपना काम करने दें।

 

FAQs:

  1. क्या SIP की तारीख का चुनाव मेरे रिटर्न पर बड़ा असर डालता है?

    लंबे समय (5-7 साल या ज़्यादा) के निवेश पर इसका असर बहुत कम होता है, लेकिन कम समय के निवेश पर यह 11% तक का फ़र्क दिखा सकता है।

  2. क्या मुझे मार्केट के निचले स्तर पर ही SIP करनी चाहिए?

    मार्केट के निचले स्तर पर लगातार SIP करना लगभग असंभव है; मोतीलाल ओसवाल की स्टडी बताती है कि लंबी अवधि में ऊंचे या निचले स्तर पर SIP करने में रिटर्न का फ़र्क बहुत कम होता है।

  3. कितनी अवधि के लिए SIP करना फ़ायदेमंद होता है?

    SIP को कम से कम 5 से 7 साल का समय देना चाहिए ताकि मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर खत्म हो सके और आपको अच्छा रिटर्न मिल सके।

  4. अगर मैं SIP में लंबे समय तक टिका रहूं तो क्या होगा?

    जैसे-जैसे निवेश की अवधि लंबी होती है (15-25 साल), SIP की तारीख का आपके रिटर्न पर पड़ने वाला फ़र्क नगण्य हो जाता है, जो 1% से भी कम रह जाता है।

  5. मार्केट को टाइम करने और SIP में टिके रहने में क्या बेहतर है?

    विशेषज्ञों का मानना है कि मार्केट को टाइम करने की कोशिश करने से बेहतर है कि आप लंबे समय तक लगातार SIP करते रहें और धैर्य रखें, क्योंकि यह आम लोगों के लिए ज़्यादा मुश्किल है।

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।

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