Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन: भारतीय शेयर बाजार के मिथक और वास्तविकता
शेयर बाजार की चर्चा में इन दिनों सबसे गर्म शब्द है – आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग)। किसी कंपनी का पहली बार शेयर बाजार में आना ही आईपीओ होता है। भारतीय शेयर बाजार में, IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market- का जुनून किसी को छिपा नहीं है। हर निवेशक हाई–प्रोफाइल IPOs को अपना पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहता है, खासकर जब वे भारी ओवरसब्सक्रिप्शन देखते हैं। हर नए आईपीओ की धूम मचती है, शेयरों के लिए रिकॉर्ड तोड़ मांग आती है, और अक्सर तो इश्यू कई गुना ओवरसब्सक्राइब Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market- हो जाता है। हर आईपीओ को लेकर उत्साह तो बहुत होता है, लेकिन अगर ये आईपीओ कई गुणा ओवर–सब्सक्राइब हो जाए, तो बात ही कुछ और हो जाती है। भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से कई बड़े आईपीओ ओवर–सब्सक्राइब हुए हैं, लेकिन क्या यह हमेशा ही पैसा कमाने का सुनहरा मौका होता है?
लेकिन, क्या ये Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-ओवरसब्सक्रिप्शन हमेशा सुनहरे भविष्य का संकेत देते हैं? इस सवाल का जवाब उतना आसान नहीं है, जितना लगता है। आइए, भारतीय शेयर बाजार में IPO ओवरसब्सक्रिप्शन के पीछे की सच्चाई और झूठ को बेनकाब करें।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-ओवरसब्सक्रिप्शन का अर्थ क्या है?
सरल शब्दों में, जब किसी IPO के लिए मांग (डिमांड) उपलब्ध शेयरों की संख्या से अधिक होती है, तो उसे ओवरसब्सक्रिप्शन कहते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कंपनी 100 करोड़ रुपये के शेयर जारी करती है, लेकिन निवेशकों ने 200 करोड़ रुपये के लिए आवेदन किया है, तो IPO को 2 गुना ओवरसब्सक्राइब्ड कहा जाएगा।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-ओवरसब्सक्रिप्शन क्यों मायने रखता है?
ओवरसब्सक्रिप्शन का मतलब है कि निवेशकों का कंपनी के भविष्य में विश्वास है। इससे शेयर की कीमत में बढ़ोतरी की उम्मीद बढ़ जाती है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ओवरसब्सक्रिप्शन सिर्फ एक संकेत है, गारंटी नहीं।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-ओवरसब्सक्रिप्शन: बुलबुला या भरोसा?
जब किसी आईपीओ के लिए मिलने वाले आवेदन कंपनी द्वारा जारी किए जाने वाले शेयरों की संख्या से कई गुना ज्यादा हो जाते हैं, तो उसे ओवरसब्सक्रिप्शन कहते हैं। 2023 में ही Zomato, Nykaa, और Paytm जैसे स्टार्ट–अप्स के ओवरसब्सक्रिप्शन ने सुर्खियां बटोरी थीं। हालांकि, ओवरसब्सक्रिप्शन हमेशा सकारात्मक नहीं होता। कई बार यह सिर्फ बाजार में मौजूद उम्मीदों और हवा का नतीजा होता है।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-ओवरसब्सक्रिप्शन के पीछे के कारक:
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Herd mentality: देखादेखी में निवेश करने की आदत के कारण, जब एक आईपीओ को अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है, तो लोग बिना सोचे–समझे उसमें पैसा लगा देते हैं।
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FOMO (Fear of missing out): अगर आप किसी हाई–प्रोफाइल आईपीओ में पैसा नहीं लगाते, तो शायद आप बड़ा मुनाफा कमाने से चूक जाएंगे, इस डर से भी निवेश बढ़ता है।
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पॉजिटिव मार्केट सेंटिमेंट(Positive Market Sentiment): जब बाजार मजबूत होता है, तो निवेशकों का जोखिम उठाने का मन बढ़ जाता है, जिससे ओवरसब्सक्रिप्शन की संभावना बढ़ जाती है।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-ओवरसब्सक्रिप्शन का मतलब गारंटीकृत मुनाफा नहीं:
यह समझना जरूरी है कि ओवरसब्सक्रिप्शन सिर्फ कंपनी के प्रति बाजार की मांग का आकलन है। यह किसी गारंटी का प्रमाण नहीं है कि आईपीओ लिस्टिंग के बाद शेयरों का भाव बढ़ेगा। कई बार तो ओवरसब्सक्राइब्ड आईपीओ लिस्टिंग के बाद गिर भी जाते हैं।
मिथक #1: ओवर–सब्सक्रिप्शन का मतलब शानदार लिस्टिंग डे
कई निवेशक मानते हैं कि अगर कोई आईपीओ ओवर–सब्सक्राइब Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-हो गया है, तो उसके लिस्टिंग डे पर शेयर की कीमत आसमान छूएगी। पर हकीकत में ऐसा हमेशा नहीं होता। 2022 में लिस्ट हुए Zomato और Nykaa जैसे स्टार्टअप्स के शेयर लिस्टिंग डे पर गिर गए थे। ओवर–सब्सक्रिप्शन सिर्फ बयां करता है कि कंपनी में निवेशकों का भरोसा है, पर शेयर की लिस्टिंग के बाद बाजार की स्थितियां, कंपनी का प्रदर्शन और कई अन्य कारक उसकी कीमत तय करते हैं।
मिथक #2: हर ओवर–सब्सक्राइब्ड आईपीओ में पैसा बनता है
यह सुनने में तो अच्छा लगता है, लेकिन याद रखें, शेयर बाजार में जोखिम का तत्व बहुत मजबूत होता है। आईपीओ, हालांकि आकर्षक लगते हैं, लेकिन ये भी उतने ही जोखिम भरे हो सकते हैं, जितने अन्य स्टॉक्स। कई ओवर–सब्सक्राइब्ड आईपीओ Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-लिस्टिंग के बाद नीचे भी जा सकते हैं। इसलिए, सिर्फ ओवर–सब्सक्रिप्शन के आधार पर निवेश का फैसला लेना समझदारी नहीं है।
मिथक #3: आईपीओ ग्रे मार्केट में तगड़ा पैसा कमाएं
कुछ निवेशक आईपीओ लिस्टिंग से पहले ही ग्रे मार्केट में प्रीमियम पर शेयर खरीदने की कोशिश करते हैं। ग्रे मार्केट अनौपचारिक बाजार होता है, जहां लिस्टिंग से पहले ही आईपीओ के शेयरों का अनधिकृत कारोबार होता है। हालांकि, ग्रे मार्केट जोखिमों से भरा होता है। इसमें ना तो नियमन होता है और ना ही किसी तरह की गारंटी। कई मामलों में ग्रे मार्केट में निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-ओवरसब्सक्रिप्शन के झूठ और हकीकत:
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झूठ: ओवरसब्सक्राइब्ड IPO हमेशा लाभदायक होते हैं।
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हकीकत: यह सच नहीं है। कई ओवरसब्सक्राइब्ड IPO लिस्टिंग के बाद गिर गए हैं। उदाहरण के लिए, Paytm का शेयर अपने इश्यू प्राइस से काफी कम हो गया है।
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झूठ: ओवरसब्सक्रिप्शन का मतलब है कि कंपनी मजबूत है।
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हकीकत: जरूरी नहीं। कई कमजोर कंपनियों के IPO भी ओवरसब्सक्राइब्ड हो जाते हैं, खासकर जब मार्केट सेंटीमेंट सकारात्मक होता है।
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झूठ: ओवरसब्सक्राइब्ड IPO में हर कोई पैसा कमाता है।
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हकीकत: यह गलत है। IPO आवंटन प्रक्रिया में लॉटरी सिस्टम का इस्तेमाल होता है, जिसका मतलब है कि कई निवेशकों को शेयर नहीं मिल पाते।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-IPO में निवेश करने से पहले क्या करें?
ओवरसब्सक्रिप्शन से प्रभावित होने से बचने के लिए, IPO में निवेश करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाएं:
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कंपनी के बारे में गहन शोध करें: उसके व्यवसाय मॉडल, वित्तीय स्थिति, प्रबंधन टीम आदि का अच्छी तरह से अध्ययन करें। किसी भी आईपीओ में पैसा लगाने से पहले कंपनी के कारोबार मॉडल, वित्तीय स्थिति, भविष्य की योजनाओं का गहन अध्ययन करें। सिर्फ Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-ओवर–सब्सक्रिप्शन के झोंक में न बहें।
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IPO की कीमत का मूल्यांकन करें: क्या यह कंपनी के वास्तविक मूल्य को दर्शाता है?
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मार्केट सेंटीमेंट का आकलन करें: क्या बाजार कंपनी के सेक्टर के प्रति सकारात्मक है?
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अपनी निवेश रणनीति से चिपके रहें: जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के अनुरूप निवेश करें।
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कंपनी के fundamentals पर ध्यान दें: आईपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी के बिजनेस मॉडल, वित्तीय स्थिति, और भविष्य की संभावनाओं का गहराई से अध्ययन करें। सिर्फ ओवरसब्सक्रिप्शन के आधार पर निवेश न करें।
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अपनी risk appetite का आकलन करें: आईपीओ आमतौर पर हाई–रिस्क वाले निवेश होते हैं। इसलिए, निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप संभावित नुकसान को उठा सकते हैं।
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लंबी अवधि के लिए निवेश करें: आईपीओ में निवेश को लॉन्ग–टर्म प्लान के साथ करें। शेयरों के भाव में अल्पकाल में उतार–चढ़ाव हो सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर स्थिरता आती है। आईपीओ को सिर्फ लिस्टिंग डे पर पैसा कमाने का जरिया न समझें। कंपनी के दीर्घकालिक विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
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जोखिम प्रबंधन: अपने पोर्टफोलियो में विविधीकरण लाएं और एक आईपीओ में कुल निवेश का एक छोटा हिस्सा ही लगाएं। शेयर बाजार में किसी चीज की गारंटी नहीं होती, इसलिए बुद्धिमानी से जोखिम का प्रबंधन करें।
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विशेषज्ञ की सलाह लें: अगर आप नए निवेशक हैं
अगर आप नए निवेशक हैं, तो आईपीओ में निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है। एक अनुभवी सलाहकार आपको आईपीओ के बारे में सही जानकारी दे सकता है और आपको निवेश का सही समय और मात्रा तय करने में मदद कर सकता है।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य
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2023 में, भारतीय शेयर बाजार में 70 से अधिक आईपीओ आए, जिनमें से 60% ओवर–सब्सक्राइब हुए।
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2022 में, भारत में सबसे ज्यादा ओवर–सब्सक्राइब हुआ आईपीओ LIC का था, जिसे 100 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया था।
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2023 में, सबसे ज्यादा ओवर–सब्सक्राइब हुआ आईपीओ Paytm का था, जिसे 20 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया था।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-कुछ अन्य बातें हैं जो आपको आईपीओ में निवेश करते समय ध्यान रखनी चाहिए:
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आईपीओ की समय सीमा को ध्यान से देखें: आईपीओ की समय सीमा सीमित होती है, इसलिए आपको आवेदन करने में देरी नहीं करनी चाहिए।
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आईपीओ की कीमत को समझें: आईपीओ की कीमत कंपनी के शेयर के मूल्य को निर्धारित करती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप आईपीओ की कीमत को समझते हैं।
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आईपीओ के जोखिमों से अवगत रहें: आईपीओ में निवेश करने से पहले, आपको इसके जोखिमों से अवगत होना चाहिए। शेयर बाजार में हमेशा जोखिम होता है, इसलिए आपको अपनी क्षमता के अनुसार ही निवेश करना चाहिए।
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आईपीओ के लिए टारगेट प्राइस: आईपीओ के लिए एक टारगेट प्राइस निर्धारित करना भी महत्वपूर्ण है। यह आपको यह तय करने में मदद करेगा कि क्या आप शेयर खरीदना चाहते हैं या नहीं।
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आईपीओ की लिस्टिंग डे: आईपीओ की लिस्टिंग डे पर शेयर की कीमत में उतार–चढ़ाव आना आम बात है। इसलिए, अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना और शांत रहना महत्वपूर्ण है।
आईपीओ में निवेश एक जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन अगर आप बुद्धिमानी से निवेश करते हैं, तो इससे अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-हाल ही के उदाहरण:
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Nykaa: 2021 में Nykaa का IPO 86 गुना ओवरसब्सक्राइब्ड हुआ था, लेकिन लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत में गिरावट आई है।
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Zomato: Zomato का IPO 38 गुना ओवरसब्सक्राइब्ड-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-हुआ था, लेकिन लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत में उतार–चढ़ाव देखने को मिला है।
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Paytm: Paytm का IPO 4.8 गुना ओवरसब्सक्राइब, लेकिन लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत में अच्छी–खासी गिरावट आई है।
निष्कर्ष:
आईपीओ में निवेश एक जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन अगर आप बुद्धिमानी से निवेश करते हैं, तो इससे अच्छा रिटर्न मिल सकता है। आईपीओ में निवेश करने से पहले, अपने शोध करें, जोखिम प्रबंधन करें, लंबी अवधि का नजरिया रखें और विशेषज्ञ की सलाह लें।
FAQs:
1. आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन क्या है?
आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-का मतलब है कि आईपीओ के लिए उतनी से ज्यादा बोलियां आई हैं, जितने शेयर जारी किए जाने वाले थे। उदाहरण के लिए, अगर कोई कंपनी 100 करोड़ रुपये का आईपीओ जारी करती है और उसे 120 करोड़ रुपये की बोलियां मिलती हैं, तो आईपीओ 2 गुना ओवर–सब्सक्राइब हुआ है।
2. आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-का क्या कारण है?
आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
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कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
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कंपनी की नई और आकर्षक उत्पाद या सेवाएं
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शेयर बाजार की तेजी
3. आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-का निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-का निवेशकों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ सकता है। सकारात्मक पक्ष यह है कि इससे आईपीओ के शेयर की कीमत लिस्टिंग के बाद बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, नकारात्मक पक्ष यह है कि इससे आईपीओ के शेयर की कीमतें अत्यधिक बढ़ सकती हैं, जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
4. आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन में निवेश कैसे करें?
आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-में निवेश करने के लिए, आपको किसी स्टॉकब्रोकर के साथ डीमैट खाता खोलना होगा। इसके बाद, आपको आईपीओ में आवेदन करना होगा। आईपीओ में आवेदन करने की प्रक्रिया सरल है। आपको बस आईपीओ के लिए निर्धारित आवेदन फॉर्म भरना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
5. आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन में निवेश के जोखिम क्या हैं?
आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-में निवेश के निम्नलिखित जोखिम हैं:
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शेयर की कीमत लिस्टिंग के बाद गिर सकती है।
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कंपनी की वित्तीय स्थिति या भविष्य की संभावनाएं अनुमानित से कम हो सकती हैं।
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शेयर बाजार में गिरावट होने पर आपका निवेश नुकसान में जा सकता है।
6. आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन में निवेश के लिए कुछ सुझाव
आईपीओ ओवर–सब्सक्रिप्शन-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-में निवेश करते समय, निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
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कंपनी के कारोबार मॉडल, वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाओं का गहन अध्ययन करें।
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जोखिम प्रबंधन के लिए अपने पोर्टफोलियो में विविधीकरण लाएं।
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लंबी अवधि का नजरिया रखें।
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विशेषज्ञ की सलाह लें।
7. क्या हर आईपीओ ओवर–सब्सक्राइब होता है?
नहीं, हर आईपीओ ओवर–सब्सक्राइब-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-नहीं होता है। कई आईपीओ ऐसे भी होते हैं जो अंडर–सब्सक्राइब हो जाते हैं।
8. क्या ओवर–सब्सक्राइब्ड आईपीओ में हमेशा पैसा बनता है?
नहीं, ओवर–सब्सक्राइब्ड आईपीओ-Facts and Realities about IPO Over-subscriptions in Indian Share Market-में हमेशा पैसा नहीं बनता है। कई ओवर–सब्सक्राइब्ड आईपीओ लिस्टिंग के बाद नीचे भी जा सकते हैं।
9. क्या आईपीओ ग्रे मार्केट में खरीदना सुरक्षित है?
नहीं, आईपीओ ग्रे मार्केट में खरीदना सुरक्षित नहीं है। ग्रे मार्केट अनौपचारिक बाजार होता है और इसमें कोई नियमन नहीं होता है। कई मामलों में निवेशकों को ग्रे मार्केट में भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
10. आईपीओ में निवेश करने के लिए सही समय क्या है?
आईपीओ में निवेश करने का सही समय कंपनी के दीर्घकालिक विकास और बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।
11. आईपीओ में निवेश करने के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
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आधार कार्ड या पैन कार्ड
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पहचान पत्र
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निवास प्रमाण पत्र
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फोटो
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बैंक खाता विवरण
12. आईपीओ में निवेश करने के लिए कौन से बैंक खाते की आवश्यकता होती है?
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपको एक डिमैट खाते और एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होती है। ये खाते किसी भी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आवश्यक हैं।
13. आईपीओ में निवेश करने के लिए कौन से ब्रोकरेज खाते की आवश्यकता होती है?
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त ब्रोकरेज कंपनी के साथ एक ट्रेडिंग खाता खोलने की आवश्यकता होती है। ब्रोकरेज कंपनियां आपको आईपीओ के लिए आवेदन करने और शेयर खरीदने में मदद करती हैं।
14. आईपीओ में निवेश करने के लिए कौन से शुल्क लगते हैं?
आईपीओ में निवेश करने के लिए निम्नलिखित शुल्क लगते हैं:
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एप्लिकेशन शुल्क: यह शुल्क आईपीओ में आवेदन करने के लिए लिया जाता है।
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ब्रोकरेज शुल्क: यह शुल्क ब्रोकरेज कंपनी द्वारा ट्रेडिंग शुल्क के रूप में लिया जाता है।
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सेबी शुल्क: यह शुल्क भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा लगाया जाता है।
15. आईपीओ में निवेश करने के लिए कौन से जोखिम होते हैं?
आईपीओ में निवेश करने के लिए निम्नलिखित जोखिम होते हैं:**
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मूल्यांकन का जोखिम: आईपीओ की कीमत कंपनी के मूल्यांकन को दर्शाती है। अगर कंपनी का मूल्यांकन उचित नहीं है, तो निवेशक को नुकसान हो सकता है।
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बाजार की अस्थिरता का जोखिम: शेयर बाजार अस्थिर हो सकता है। अगर बाजार में गिरावट आती है, तो आईपीओ की कीमत भी गिर सकती है।
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कंपनी की वित्तीय स्थिति का जोखिम: अगर कंपनी की वित्तीय स्थिति कमजोर है, तो निवेशक को नुकसान हो सकता है।
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प्रतिस्पर्धा का जोखिम: अगर बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, तो कंपनी को नुकसान हो सकता है।
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नियमन का जोखिम: सरकार द्वारा नए नियमों और विनियमों को लागू करने से कंपनी को नुकसान हो सकता है।
16. आईपीओ में निवेश करने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
आईपीओ में निवेश करने से पहले निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:**
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अपना शोध करें: किसी भी आईपीओ में पैसा लगाने से पहले कंपनी के कारोबार मॉडल, वित्तीय स्थिति, भविष्य की योजनाओं का गहन अध्ययन करें।
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जोखिम प्रबंधन: अपने पोर्टफोलियो में विविधीकरण लाएं और एक आईपीओ में कुल निवेश का एक छोटा हिस्सा ही लगाएं।
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लंबी अवधि का नजरिया: आईपीओ को सिर्फ लिस्टिंग डे पर पैसा कमाने का जरिया न समझें। कंपनी के दीर्घकालिक विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
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विशेषज्ञ की सलाह लें: अगर आप नए निवेशक हैं, तो किसी अनुभवी निवेशक या सलाहकार से सलाह लेना हमेशा एक अच्छा विचार है।
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