HUL products Boycott

HUL प्रोडक्ट्स  का बहिष्कार

लक्स से लेकर लाइफबॉय तक

रोज़मर्रा ज़िंदगी में इस्तेमाल होने वाले कई बड़े ब्रांड्स एक ही कंपनी के तहत आते हैं - हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL). पर आजकल महाराष्ट्र में इनके प्रोडक्ट्स सुर्खियों में क्यों हैं?

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मार्जिन का मसाला

दरअसल, सारा विवाद मार्जिन के इर्द-गिर्द घूम रहा है. HUL ने हाल ही में डिस्ट्रीब्यूटर्स को मिलने वाले मार्जिन में बदलाव किया है. ये बदलाव कैसे हैं और क्यों नाराज़ हैं डिस्ट्रीब्यूटर्स?

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कम हुआ फिक्सड, बढ़ा वेरिएबल?

HUL कंपनी ने फिक्सड मार्जिन कम कर दिया है और वेरिएबल मार्जिन बढ़ा दिया है. डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि इससे उनकी कमाई घट जाएगी.

प्रदर्शन पर  निर्भरता का डर

नया मार्जिन स्ट्रक्चर वेरिएबल मार्जिन पर ज़्यादा जोर देता है. इसका मतलब, कमाई अब डिस्ट्रीब्यूटर्स के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी. ये अनिश्चितता उन्हें परेशान कर रही है.

ताज महल चाय से  हुई शुरुआत

इस विवाद की शुरुआत ताज महल चाय के साथ हुई है. डिस्ट्रीब्यूटर्स ने इसका बहिष्कार शुरू कर दिया है. क्या आगे और भी प्रोडक्ट्स शामिल होंगे?

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बिक्री पर पड़  सकता है असर  

इस बॉयकॉट से HUL की बिक्री पर सीधा असर पड़ सकता है. खासकर महाराष्ट्र में कंपनी के प्रोडक्ट्स की पहुंच कम हो सकती है.

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रिश्तों में दरार  की आशंका 

HUL और डिस्ट्रीब्यूटरों के रिश्ते में ये खींचतान तनाव पैदा कर रही है. इससे भविष्य में भी सहयोग प्रभावित हो सकता है.

उद्योग के लिए संकेत?

डिस्ट्रीब्यूटर मार्जिन का मुद्दा पूरे FMCG उद्योग में मौजूद है. HUL का ये मामला दूसरे ब्रांड्स के लिए भी एक सबक बन सकता है.

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